भारतीय पूंजी बाजार में दिसंबर तक पी-नोट्स के जरिए निवेश बढ़कर 95,501 करोड़ रुपए पर

punjabkesari.in Sunday, Jan 30, 2022 - 11:43 AM (IST)

बिजनेस डेस्कःभारतीय पूंजी बाजारों में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश दिसंबर, 2021 के अंत तक बढ़कर 95,501 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले महीने पी-नोट्स के जरिये निवेश का प्रवाह ‘स्थिर या नकारात्मक’ रहेगा।

पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं, जो सीधे खुद को पंजीकृत किए बिना भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें उचित जांच-परख की प्रक्रिया को पूरा करना होता है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिए निवेश का मूल्य दिसंबर, 2021 के अंत तक बढ़कर 95,501 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो नवंबर के अंत तक 94,826 रुपए था। इनमें शेयर, बांड और हाइब्रिड प्रतिभूतियां तीनों शामिल हैं।

इससे पहले अक्टूबर के अंत में निवेश का स्तर 1.02 लाख करोड़ रुपए था, जो मार्च, 2018 के बाद सबसे अधिक था। उस समय पी-नोट्स के जरिए निवेश 1.06 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया था।

सेबी के पास पंजीकृत पीएमएस पाइपर सेरिका के संस्थापक और कोष प्रबंधक अभय अग्रवाल ने कहा कि दिसंबर के पी-नोट्स के आंकड़े एक ‘सपाट’ प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। इनसे पता चलता है कि शेयरों में लगभग 675 करोड़ रुपए और ऋण या बांड बाजार में 716 करोड़ रुपए का प्रवाह हुआ है।

उन्होंने कहा कि पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह प्रवाह हैरान करने वाला है क्योकि एफपीआई ने दिसंबर में शेयर और बांड बाजार में जबर्दस्त बिकवाली की है। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों से 19,026 करोड़ रुपए और बांड बाजार से 11,799 करोड़ रुपए निकाले हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक माह के आंकड़ों के आधार पर दीर्घावधि के रुझान का आकलन नहीं किया जा सकता।

दिसंबर, 2021 तक पी-नोट्स के जरिए कुल 95,501 करोड़ रुपए के निवेश में से 84,948 करोड़ रुपए शेयरों में, 10,322 करोड़ रुपए बांड में, 231 करोड़ रुपए हाइब्रिड प्रतिभूतियों में डाले गए हैं।

राइट रिसर्च की संस्थापक सोनम श्रीवास्तव ने कहा कि पी-नोट्स के जरिए शेयरों में निवेश लगभग छह माह के निचले स्तर पर है। हालांकि, बांड बाजार में इसके जरिए निवेश का प्रवाह बढ़ा है। ‘‘वैश्विक स्तर पर भी कुछ इसी तरह रुझान देखने को मिल रहा है।’’


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News