भारत का वनस्पति तेल आयात अप्रैल में 32% घटकर 8.91 लाख टन पर
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 05:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में अप्रैल 2025 के दौरान वनस्पति तेल का आयात साल-दर-साल आधार पर 32% गिरकर 8.91 लाख टन रह गया। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण पाम ऑयल और रिफाइंड तेल की खेप में आई कमी है। पिछले वर्ष इसी अवधि में देश ने कुल 13.18 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया था, जिसमें खाद्य और अखाद्य दोनों प्रकार के तेल शामिल थे। हालांकि, आयात में गिरावट के बावजूद भारत के पास 1 मई तक कुल 13.51 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक मौजूद है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल उपभोक्ता और आयातक है।
पिछले तीन महीनों में आयात बहुत कम स्तर पर
एसईए ने एक बयान में कहा कि देश में सरसों की पेराई बढ़ने के साथ-साथ पाम तेल की मांग में कमी के चलते पिछले तीन महीनों में आयात बहुत कम स्तर पर रहा। नेपाल से रिफाइंड खाद्य तेलों का आयात, जो कि मासिक 60,000 से 70,000 टन अनुमानित है, ने भी समग्र आयात और स्टॉक स्थिति को प्रभावित किया। 2024-25 तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) के पहले छह महीनों के लिए, कुल वनस्पति तेल आयात एक साल पहले के 70.69 लाख टन से घटकर 65.02 लाख टन रह गया।
किस तेल के आयात में कितना उलटफेर
अप्रैल में पाम तेल का आयात 53 प्रतिशत घटकर 3. 21 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले 6. 84 लाख टन था, जबकि कच्चे पाम तेल की खेप 55 प्रतिशत घटकर 2. 41 लाख टन रह गई। नरम तेलों में, सूरजमुखी तेल का आयात 23. 28 प्रतिशत घटकर 1. 80 लाख टन रह गया, जबकि सोयाबीन तेल का आयात 20. 37 प्रतिशत घटकर 3. 60 लाख टन रह गया।
पिछले छह महीनों में पाम तेल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से घटकर 42 प्रतिशत रह गई, जबकि नरम तेलों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गई। इंडोनेशिया और मलेशिया भारत के प्रमुख पाम तेल सप्लायर हैं, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस सोयाबीन तेल की सप्लाई करते हैं। रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के मुख्य सप्लायर हैं।