अप्रैल-मई 2025 में भारत का कृषि निर्यात 8% बढ़ा, चावल और मीट प्रमुख योगदानकर्ता

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 02:54 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत भारत के कृषि निर्यात क्षेत्र के लिए बेहद उत्साहजनक रही है। वाणिज्य मंत्रालय के अधीन DGCI&S (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-मई 2025 के दौरान भारत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 8% की बढ़त के साथ 4.16 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

चावल बना निर्यात ग्रोथ का मुख्य इंजन

  • अप्रैल-मई में बासमती और नॉन-बासमती चावल का कुल निर्यात 4.7% बढ़कर 2.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
  • इससे पहले FY25 में भारत ने 12.47 अरब डॉलर का चावल निर्यात किया था, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक था।
  • सितंबर 2024 से सभी निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने से इस क्षेत्र को नई रफ्तार मिली है।

हालांकि, ईरान-इज़राइल संघर्ष को लेकर निर्यातकों में कुछ आशंकाएं हैं क्योंकि ईरान, भारत के बासमती चावल का बड़ा आयातक है।

मांस और डेयरी उत्पादों में शानदार प्रदर्शन

  • भैंस के मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का संयुक्त निर्यात 16% बढ़कर 0.81 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
  • भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा भैंस मांस निर्यातक बन चुका है।
  • वियतनाम, मलेशिया, मिस्र, इराक, सऊदी अरब और UAE जैसे देश भारत के प्रमुख आयातक हैं।
  • APEDA से प्रमाणित मीट प्रोसेसिंग यूनिट्स ने गुणवत्ता और निर्यात विश्वसनीयता को मजबूत किया है।

फल, सब्जी और प्रोसेस्ड फूड्स में वैश्विक मांग

  • फल और सब्जियों का निर्यात भी 16% की वृद्धि के साथ 0.69 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
  • केले, आम, फ्रूट जूस, बीज और अन्य प्रोसेस्ड फूड्स की मांग में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
  • FY25 में APEDA के अंतर्गत आने वाले उत्पादों का कुल निर्यात 12% बढ़कर 25.14 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

एग्री-एक्सपोर्ट में APEDA की अहम भूमिका

भारत के कुल कृषि निर्यात में से 51% हिस्सा APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) के उत्पादों से आता है।
बाकी निर्यात वस्तुओं में शामिल हैं:

  • मरीन प्रोडक्ट्स
  • कॉफी, चाय और तंबाकू

भविष्य की दिशा और चुनौतियां

भारत का कृषि निर्यात न केवल किसानों की आय बढ़ा रहा है, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की पकड़ को भी मजबूत कर रहा है।

  • यदि इस वर्ष मानसून सामान्य रहता है, तो चावल सहित अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात में एक नया रिकॉर्ड संभव है।
  • हालांकि, भू-राजनीतिक जोखिम, खासकर मध्य पूर्व में अस्थिरता, कुछ बाजारों में चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को निर्यात बाजारों में विविधता लाने (Diversified Market Strategy) की जरूरत है ताकि संभावित अस्थिरता से बचा जा सके।
     

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Content Writer

jyoti choudhary

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