खाद्य तेल की किल्लत का खतरा: कांडला बंदरगाह पर फंसे जहाज, बढ़ सकती हैं कीमतें
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 01:03 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आने वाले दिनों में खाद्य तेल की कमी और कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। इसका मुख्य कारण कांडला पोर्ट पर जहाजों की भारी भीड़ और माल उतराई में हो रही देरी है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) और कई व्यापारिक संगठनों ने सरकार को चेताया है कि यदि पोर्ट की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो देशभर में सप्लाई चेन बाधित हो सकती है और तेल महंगा हो सकता है।
आंकड़ों में दिखी गिरावट, आयात भी धीमा
SEA के अनुसार, नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच भारत का खाद्य तेल आयात 9% गिरकर 78.8 लाख टन रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 86.7 लाख टन था। भारत हर महीने लगभग 7.5 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है और यह दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है।
बंदरगाह पर इंतजार कर रहे हैं 8 जहाज और 5 रास्ते में
- कांडला पोर्ट पर फिलहाल 157,000 टन तेल लादे 8 जहाज बर्थिंग का इंतजार कर रहे हैं
- सिर्फ 2 जहाजों से 45,000 टन तेल की अनलोडिंग हो रही है
- अगले कुछ दिनों में 159,000 टन तेल के साथ 5 और जहाज पहुंचने वाले हैं
- पोर्ट अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल 6 खाद्य तेल और 6 रसायन वाले जहाज एंकर पर हैं
शुल्क कटौती बनी आयात बढ़ने की वजह
कांडला पोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन सुशील कुमार सिंह के अनुसार, मई में आयात शुल्क में कटौती के बाद खाद्य तेल की आवक में अचानक तेज़ी आई है। उन्होंने कहा कि औसतन 8–10 दिन की प्रतीक्षा हो रही है लेकिन संचालन प्रक्रियाओं को सख्त किया गया है और समाधान की कोशिशें जारी हैं।
डिलीवरी में रुकावट से लागत बढ़ी, उपभोक्ताओं पर असर संभव
SEA ने आरोप लगाया है कि कई जहाजों को पूरा माल खाली करने से पहले ही बर्थ से हटा दिया गया, जिससे आयातकों को डिमरेज शुल्क जैसे भारी नुकसान उठाने पड़ रहे हैं।
- पिछले एक सप्ताह में 3 जहाजों को बीच में हटाया गया, जबकि उनमें सिर्फ 1000–3000 टन तेल बचा था
- इन अतिरिक्त लागतों का बोझ अंततः उपभोक्ताओं तक पहुंच सकता है, जिससे खाद्य तेल महंगा हो सकता है