AI के बढ़ते दबाव में IT सेक्टर में बड़े पैमाने पर छंटनी, आंकड़े देख चौंक जाएंगे

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 01:03 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बीच दुनिया भर की टेक और IT कंपनियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारी छंटनी देखी जा रही है। कंपनियां खर्च कम करने और AI के जरिए काम की गति व गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठा रही हैं। इस छंटनी की लहर में TCS, एक्सेंचर, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, सेल्सफोर्स, HCL टेक, विप्रो जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।

TCS में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी

भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 2025-26 में लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। यह कुल ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 2% है। TCS का लक्ष्य AI की बढ़ती मांग के बीच स्ट्रक्चरल सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है। अप्रैल-जून की तिमाही में कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर 13.8% रही।

अन्य बड़ी कंपनियों की छंटनी

  • गूगल: डिजाइन विभाग से 100 कर्मचारियों की छंटनी, AI प्रोजेक्ट्स पर फोकस।
  • विप्रो: रिपोर्ट्स के मुताबिक 24,516 नौकरियां कम की गईं।
  • HCL टेक: डिवेस्टमेंट और रियलाइनमेंट के कारण 2024 में लगभग 8,000 कर्मचारियों की छंटनी।
  • एक्सेंचर: 11,000+ कर्मचारियों की छंटनी, AI के बढ़ते प्रभाव के चलते स्ट्रक्चरल सुधार।
  • सेल्सफोर्स: कस्टमर सपोर्ट स्टाफ में 4,000 कर्मचारियों की छंटनी।
  • माइक्रोसॉफ्ट: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बिजनेस में 4,000 और पूरे ऑर्गेनाइजेशन में 6,000 नौकरियों की छंटनी।
  • Cognizant: 3,500 कर्मचारियों की छंटनी।
  • IBM India: लगभग 1,000 नौकरी रोल्स कम किए गए।

AI और वैश्विक दबाव का असर

अमेरिका में H-1B वीजा फीस में बढ़ोतरी के प्रस्ताव और AI के बढ़ते इस्तेमाल ने IT सेक्टर में नौकरी की सुरक्षा पर दबाव डाला है। कंपनियां अब AI का इस्तेमाल करके खर्च कम करने और काम की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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