लद्दाख विवाद के बीच चीन ने 30 सालों में पहली बार खरीदा भारतीय चावल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 02, 2020 - 04:53 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच एक अच्छी खबर आई है। चीन ने कम से कम तीन दशकों में पहली बार भारतीय चावल का आयात करना शुरू कर दिया है। भारतीय उद्योग के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी Reuters को यह जानकारी दी। बता दें कि भारत चावल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है और चीन सबसे बड़ा आयातक है। बीजिंग सालाना लगभग 4 मिलियन टन चावल का आयात करता है, लेकिन गुणवत्ता के मुद्दों का हवाला देते हुए भारतीय चावल को खरीदने से बचता है।

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चीन ने यह फैसला ऐसे समय किया है, जब लद्दाख समेत अन्य सीमावर्ती इलाकों में सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से राजनीतिक तनाव बना हुआ है। राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी वी कृष्ण राव ने कहा कि पहली बार चीन ने भारतीय चावल की खरीदारी की है। उन्होंने कहा कि भारतीय फसल की गुणवत्ता को देखते हुए वे अगले साल खरीदारी बढ़ा सकते हैं।

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भारत से चावल निर्यात में 70% की बढ़ोतरी 
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच भारत से चावल के निर्यात में 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 75 लाख टन चावल का निर्यात हुआ। चावल के निर्यात में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया देशों से मजबूत मांग के कारण गैर-बासमती का दोगुना शिपमेंट रहा। निर्यातकों का कहना है कि निर्यात का यह आंकड़ा और भी अधिक होता, अगर माल की आवाजाही बाधारहित जारी रहती। इस वित्त वर्ष में चावल के निर्यात में 60 फीसदी की बढ़ोतरी यानी 1.55 करोड़ चावल के निर्यात का अनुमान है।

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भारत-चीन के बीच सब कुछ सही नहीं
चीन द्वारा भारत से चावल आयात करने पर आश्चर्य इस वजह से व्यक्त किया जा रहा है क्योंकि वर्तमान में भारत और चीन के बीच सब कुछ सही नहीं है। दोनों देशों के बीच सीमा युद्ध के बाद से राजनीतिक तनाव तो है ही साथ ही भारत लगातार चीनी ऐप्स को प्रतिबंध भी कर रहा है। पिछले हफ्ते ही भारत ने 43 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब तक 200 से ज्यादा ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है।


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jyoti choudhary

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