वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था का रुख सकारात्मक: वित्त मंत्रालय
punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 03:05 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने मई 2025 की मासिक आर्थिक समीक्षा (Monthly Economic Review) में कहा है कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था का दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है। इसका श्रेय स्थिर महंगाई दर, मजबूत बाहरी क्षेत्र (external sector) और स्थिर रोजगार स्थिति को जाता है।
FY25 में 6.5% रही GDP ग्रोथ, FY26 की शुरुआत भी बेहतर
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.5% रही, जो द्वितीय अग्रिम अनुमान (Second Advance Estimates) के अनुरूप है। यह वृद्धि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक अनिश्चितताओं के बावजूद दर्ज की गई।
FY26 के पहले दो महीनों में आर्थिक गतिविधियां स्थिर बनी हुई हैं, और हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स (HFIs) से संकेत मिल रहे हैं कि आर्थिक मजबूती जारी है।
वृद्धि के प्रमुख कारक
- घरेलू मांग में मजबूती, खासकर ग्रामीण खपत में सुधार
- निवेश गतिविधियों में स्थिरता
- नेट एक्सपोर्ट्स में सुधार
- सेवा क्षेत्र रहा प्रमुख विकास चालक
- उद्योग क्षेत्र में निर्माण और मैन्युफैक्चरिंग का अच्छा प्रदर्शन
- कृषि क्षेत्र में अनुकूल मानसून और रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की बदौलत सुधार
HFIs से मिला भरोसा
रिपोर्ट में बताया गया है कि ई-वे बिल जेनरेशन, ईंधन खपत और PMI जैसे संकेतक FY26 की शुरुआत में आर्थिक मजबूती की ओर इशारा कर रहे हैं।
- ग्रामीण मांग में और तेजी आई है, जो अच्छे रबी फसल और अनुकूल मानसून अनुमान से जुड़ी है।
- शहरी खपत में भी वृद्धि देखी जा रही है, जिसे व्यापार और पर्यटन गतिविधियों में बढ़ोतरी जैसे एयर पैसेंजर ट्रैफिक और होटल ऑक्युपेंसी ने समर्थन दिया है।
- हालांकि, वाहन बिक्री और निर्माण क्षेत्र से जुड़ी सामग्रियों में कुछ नरमी देखी गई है।
महंगाई में राहत
मई 2025 में खुदरा और खाद्य मुद्रास्फीति में व्यापक और स्थायी गिरावट दर्ज की गई, जिसका श्रेय मजबूत कृषि उत्पादन और सरकारी हस्तक्षेपों को दिया गया है।
बाहरी जोखिम अब भी मौजूद
वित्त मंत्रालय ने चेताया कि हालांकि घरेलू संकेतक सकारात्मक हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय कारकों जैसे कि व्यापार तनाव में वृद्धि और बाद में आंशिक शांति ने वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा की है।