हर महीने 5,500 नौकरियों पर संकट के बादल, भारत पर सबसे बड़ा असर, पढ़ें
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 05:56 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीज़ा के लिए आवेदन शुल्क $1,00,000 कर दिया है, जिससे हर महीने करीब 5,500 नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। जेपी मॉर्गन के अर्थशास्त्री अबिएल राइनहार्ट और माइकल फेरोली के अनुसार यह टेक कंपनियों और भारतीय कर्मचारियों पर सबसे अधिक असर डालेगा।
FY24 में H-1B अप्रूवल्स में लगभग दो-तिहाई कंप्यूटर से जुड़े रोल और आधे पेशेवर, वैज्ञानिक और तकनीकी सेवाओं के लिए थीं। अप्रूव किए गए वीज़ा में 71% भारतीय नागरिक थे। पिछले साल 1,41,000 नए H-1B आवेदन स्वीकृत हुए, जिनमें से 65,000 का निपटारा विदेश से हुआ था।
रेवेलियो लैब्स की वरिष्ठ अर्थशास्त्री लोजजैना अब्देलवाहेद ने कहा कि इतनी भारी शुल्क वृद्धि H-1B सिस्टम को “व्यावहारिक रूप से खत्म” कर सकती है, जिससे सालाना लगभग 1,40,000 नौकरियां प्रभावित होंगी। अमेरिकी श्रम बाजार पहले ही धीमा है, औसतन पिछले तीन महीनों में 29,000 पेरोल्स प्रति माह जुड़ी हैं।
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने इस नीति की आलोचना की, कहा कि यह टेक-ड्रिवेन अर्थव्यवस्था के लिए “अनिश्चितता और अप्रत्याशिता” बढ़ाता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कार्यालय देख रहा है कि क्या नया शुल्क प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम का उल्लंघन करता है।
H-1B वीज़ा प्रोग्राम अमेरिकी टेक, फाइनेंस और कंसल्टिंग कंपनियों के लिए कुशल विदेशी कर्मचारियों को लाने का अहम जरिया है। इस नई फीस के बाद कंपनियों को तय करना होगा कि वे महंगी फीस चुकाकर विदेशी टैलेंट रखें या घरेलू हायरिंग बढ़ाएं।