2019 में 25-50% ज्यादा अवैध सोना देश में आएगा: इंडस्ट्री

punjabkesari.in Friday, Feb 01, 2019 - 10:54 AM (IST)

कोलकाताः इस साल ज्यादा कीमत और 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी के चलते गोल्ड की स्मगलिंग पिछले साल के मुकाबले 25-50 फीसदी तक बढ़ सकती है। यह बात इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव्स ने कही है। 28 दिसंबर 2018 से इस प्रेशियस मेटल की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा उछाल आ चुका है और यह 33 हजार प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। 

इंडियन बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन के डायरेक्टर हरेश आचार्य का कहना है कि पिछले साल अनुमानित तौर पर देश में 120 टन सोना गैरकानूनी तरीके से आया था। इस साल यह बढ़कर 150-180 टन तक पहुंच सकता है। उन्होंने बताया, 'लोग चेक के बजाय कैश में डील करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि गोल्ड सेक्टर में गैरकानूनी कारोबार बढ़ रहा है। स्पॉट मार्केट में कैश और चेक से पेमेंट करने पर करीब 50 हजार रुपए का अंतर आ जाता है।' 

हरेश का कहना है कि ज्यादा कीमत होने के चलते डिमांड सुस्त है। हालांकि, इंडस्ट्री ने उम्मीद जताई थी कि 15 दिसंबर से शादियों का सीजन शुरू होने से डिमांड रफ्तार पकड़ेगी। हरेश ने कहा, 'हालांकि, वेडिंग सीजन होने के बावजूद गोल्ड की डिमांड बेहद कमजोर है। हर कोई कीमतों के नीचे आने का इंतजार कर रहा है, लेकिन फिलहाल इसकी संभावना नजर नहीं आ रही है।' 

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदरम पीआर ने बताया कि 2018 में गोल्ड डिमांड 760.4 टन थी, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 1 फीसदी की गिरावट आई थी। 2017 में डिमांड 771.2 टन थी। देश में 2018 के दौरान टोटल ज्वैलरी की डिमांड भी 1 फीसदी गिरकर 598 टन पर आ गई थी। गोल्ड इंडस्ट्री में टोटल इनवेस्टमेंट भी सालाना आधार पर 4 फीसदी गिरावट आई है और 162.4 टन पर आ गया। 

हालांकि, अगर वैल्यू के टर्म में बात करें तो साल के दौरान गोल्ड इनवेस्टमेंट डिमांड 2 फीसदी बढ़कर 45,250 करोड़ रुपये हो गई थी। 2018 में देश में कुल 87.1 टन गोल्ड रिसाइकल हुआ। 2017 में यह आंकड़ा 88.4 टन था। 2018 की आखिरी तिमाही में भी एक साल पहले के मुकाबले ज्वैलरी डिमांड आंशिक रूप से सुस्त रही। 2018 में कुल 180.1 टन ज्वैलरी डिमांड थी, जबकि 2017 में 182.4 टन थी। 

इस दौरान में गोल्ड की कीमतें काफी ज्यादा थी, जिससे ग्राहकों ने खरीदारी से परहेज किया। परंपरागत रूप से दिवाली के दौरान इनवेस्टमेंट डिमांड में इजाफा हुआ। इस दौरान 56.4 टन गोल्ड की मांग थी, लेकिन फिर भी 2018 की सबसे तिमाही मजबूत का प्रदर्शन पिछले साल के मुकाबले 5 फीसदी कम ही रहा। दिसबंर में शादी के कम दिन और ज्यादा कीमत मांग में कमी की बड़ी वजह बताई जा रही हैं। 


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jyoti choudhary

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