घोषणापत्र के वायदे कैसे पूरे करेंगे सुक्खू

punjabkesari.in Friday, Dec 30, 2022 - 04:03 AM (IST)

सुखविंद्र सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री हैं। एक स्वयं निर्मित व्यक्ति जो जमीनी स्तर से ऊपर उठे हैं उनके पास संगठनात्मक कौशल का अनुभव है लेकिन किसी कारणवश वे कभी मंत्री नहीं बन सके। इसलिए उनके प्रशासन कौशल की खोज अभी बाकी है। 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणाम 8 दिसम्बर को घोषित किए गए थे और इतना वक्त बीत जाने के बाद भी कैबिनेट के गठन को लेकर कोई खबर नहीं है। क्या प्रतिभा सिंह कैंप के लिए कांग्रेस में अंतर्कलह की वजह है। सौभाग्य से सुक्खू के पास बहुमत है और पर्याप्त लोग भी हैं ताकि वे अपना समय ले सकें। कैबिनेट को वे बुद्धिमानी से चुनें और पूरी तरह से प्रबंधन करने वाले केंद्रीय नेताओं की मदद से मंत्रियों को विभागों का वितरण करें। एक ऐसी कैबिनेट जो सभी को खुश करेगी। 

कई मायनों में सुक्खू बहुत खुशकिस्मत हैं कि उनके ज्यादातर मुख्य विरोधी चुनाव हार गए हैं जिससे उनके लिए चीजें आसान हो गईं। उनके नंबर 2 मुकेश अग्रिहोत्री के पास प्रशासन का अपार अनुभव है क्योंकि वह दो बार मंत्री रह चुके हैं। इसलिए कई चीजों का प्रबंधन बेहतर तरीके से कर पाएंगे। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि राज्य का खजाना खाली है तो घोषणा पत्र में किए गए वायदे कैसे पूरे होंगे? हिमाचल राज्य के संसाधन इतने नहीं हैं इसलिए अपने घोषणापत्र के वायदों को पूरा करने के लिए उसे केंद्र सरकार की मदद लेनी होगी। सौभाग्य से नए मुख्यमंत्री एक युवा उत्साही व्यक्ति हैं जो सीखने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। उनमें काम करने की बड़ी क्षमता है। 

बताया जाता है कि गौतम अडानी के 2 हाईड्रो प्लांट इन्हीं कारणों से बंद पड़े हैं। नए प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे उन लोगों को कैसे और कहां समायोजित करेंगे जो बिना नौकरी के रह जाएंगे। राज्य सरकार में पहले से ही वित्तीय घाटा है। पर्यटन राज्य में एक बड़ा बढ़ावा और पैसे बनाने की मशीन होगी लेकिन दुर्भाग्य से राज्य में बुनियादी ढांचा शून्य है। शिमला के लिए एक छोटी उड़ान है मगर समय गलत है। यह सब रद्द हो जाता है क्योंकि कनैक्टिविटी शून्य है और शायद ही किसी के पास राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अनुभव हो। हिमाचल में आने वाले पर्यटकों में ज्यादातर पंजाब वगैरह के होते हैं। राज्य को और अधिक हवाई अड्डों की जरूरत है और चार्टर्ड विमानों की भी आवश्यकता है। इसके साथ ही सरकार राज्य में चार्टर्ड उड़ानों की पेशकश कर सकती है। 

नए पांच सितारा होटल आ रहे हैं लेकिन शीर्ष श्रेणी के पर्यटकों के मानकों के लिए इन होटलों के मानक थ्री स्टार होटलों की तरह हैं। यह राज्य के लिए शर्म की बात है कि जो लोग सुंदरता का आनंद लेने के लिए यहां आने के इच्छुक हैं उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटन होटल, यात्रा सुविधाएं और एक महान बुनियादी ढांचा प्रदान नहीं किया जाता। हिमाचल के मंदिर पवित्र ज्ञान और इतिहास से भरे हुए हैं। वे भारतीयों की धार्मिक भावना और विदेशियों की जिज्ञासा जैसी हर चीज को पूरा करते हैं। वहां हर मंदिर के इतिहास की व्याख्या करने वाले विद्वान लोग होने चाहिएं। हिमाचल कश्मीर की तुलना में बेहतर खेल सुविधाओं का आयोजन कर सकता है। शीतकालीन खेल बहुत हिट होंगे। 

नए मुख्यमंत्री को राज्य को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत राज्य के रूप में देखे जाने की जरूरत है। हिमाचल एक प्राकृतिक सुंदर राज्य है और यहां के लोग सरल, विनम्र और बहुत मेहमाननवाज हैं। वे घुसपैठियों को पसंद नहीं करेंगे और अपनी जमीन बेचना भी पसंद नहीं करेंगे। पहाडिय़ों की सुंदरता को खराब करने के लिए किसी भी कंकरीट की इमारत बनाए जाने की अनुमति नहीं होगी। 

यदि पर्यटन या किसी अन्य नाम से भी कंकरीट की इमारतें बनने दी जाती हैं तो यह अपराध होगा। हां, बिल्कुल हम कुछ लकड़ी के काटेज बना सकते हैं। हम हरियाली के अनुसार पेड़ों को भी नहीं काट सकते। स्थानीय लोगों को वित्तीय मदद दी जानी चाहिए और उन्हें बाहर प्रशिक्षित किया जा सकता है। मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि यहां उत्कृष्ट नई बस सेवाएं नए पर्यटन अब स्थापित हों। हिमाचल हर चीज में स्विट्जरलैंड से ज्यादा खूबसूरत है। हमारे पास कमी सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की है और आने-जाने के समय संचार की कमी भी है। बोर्डिंग स्कूल अच्छे विकल्प हैं और उन्हें वरीयता दी जा सकती है। अच्छे नाम वाले संस्थानों के साथ नए कालेज राज्य का विकास करेंगे और स्थानीय लोगों को नौकरी देंगे। सरकारी स्कूलों और कालेजों को दोगुना करने की जरूरत है। 

हिमाचल के मुख्य आई.जी.एम. अस्पताल को छोड़ कर पूरे हिमाचल में कोई नया बड़ा अस्पताल नहीं है जोकि एक बड़ी विफलता है। इसे हमने कोविडकाल के दौरान देखा था। हिमाचल में चिकित्सा सुविधा, डाक्टरों और नर्सों की एक बड़ी समस्या है। चिकित्सा के क्षेत्र में निजी अस्पतालों के निजी खिलाडिय़ों को उनके राज्य के नियम, कानूनों के तहत प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी जाए। इसके साथ-साथ राज्य में नई एयर एम्बुलैंस की भी जरूरत है। जब तक मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है तब तक परिवार के लिए दुर्भाग्य से उनकी जान भी चली जाती है क्योंकि यात्रा का समय बहुत अधिक होता है। सड़कों का पुन: निर्माण किया जा रहा है। आज निजी अस्पतालों, ब्लड टैस्ट क्लीनिकों तथा अच्छे प्रबंधन की जरूरत है। 

राज्य में कुछ ही ब्लड टैस्टिंग लैब्ज हैं जोकि चिंता का विषय है। दूर-दराज के गांवों में कोई डाक्टर नहीं है। वहां पर दिल्ली मोहल्ला क्लीनिकों की तरह प्राइवेट क्लीनिक स्थापित किए जाने चाहिएं। बड़े नाम वाले और कई छोटे बिल्डर हिमाचल में कालोनियां और घर बनाने तथा राज्य की सुंदरता को खराब करने के लिए तरस रहे थे। ऐसी इमारतों को अनुसंधान की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें कुछ नियमों और विनियमों से बंधे होना चाहिए। 

इन सभी को पूरा करने के लिए नए मुख्यमंत्री को एक विशेष पोर्टफोलियो की आवश्यकता है जो केवल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के निर्माण की सुंदरता पर ध्यान दे। पहाड़ों की रानी शिमला कई लोगों का पसंदीदा स्थल है। अब यह गंदा और भीड़भाड़ वाला शहर है। इसलिए वहां बहुत कुछ किया जाना बाकी है। जैसे ही नए मुख्यमंत्री और उनकी नई टीम आती है हम आम लोगों के लिए अधिक सुविधाओं, कम भ्रष्टाचार और कठोर प्रशासन की उम्मीद करते हैं।-देवी एम.चेरियन
 


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