स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाने की दिशा में कदम

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 05:50 PM (IST)

कोविड-19 महामारी ने हमारे सामने जटिल चुनौतियां खड़ी कीं, जिसमें स्वास्थ्य के संदर्भ में उभरती स्थितियों के प्रति तुरंत कार्रवाई की मांग की गई। आवश्यकता महसूस की गई एक ऐसी व्यवस्था की, जिससे देशभर में स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण तैयार किया जाए तथा जिसके माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को भी सुदढ़ किया जा सके। हमने महसूस किया कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे, निगरानी तंत्र, अनुसंधान को मजबूत करने और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता तथा आपदा प्रबंधन की क्षमता का निर्माण करने के लिए देश में महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता है। इस तरह की तैयारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 और सतत् विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में देश की सहायक बनेगी। 

उपरोक्त विषय को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरूआत की है जिसकी राशि 5 साल के लिए 64,180 करोड़ रुपए की है। मिशन के अंतर्गत सभी स्तरों पर स्वास्थ्य संस्थानों की क्षमता का निर्माण किया जाएगा। पी.एम. आयुष्मान भारत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन को सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमताओं का निर्माण करने के लिए तैयार किया जाएगा ताकि वह सभी नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी सभी सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार हो सके।  मिशन में जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं को केन्द्रित किया गया है। विशेष रूप से कमजोर वर्ग से आने वाली महिलाओं और बच्चों का मजबूत स्वास्थ्य तंत्र विकसित किया जाएगा। सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्राथमिक स्वास्थ्य की जरूरत को  देखते हुए इसकी सर्व सुलभ पहुंच को रेखांकित किया गया। इसी क्रम में हैल्थ एंड वैलनैस सैंटर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ध्यान देने में समक्ष होंगे।  वर्तमान महामारी के प्रबंधन से मिली सीख के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण और विस्तार करना शहरी क्षेत्रों के लिए एक आवश्यकता के रूप में उभरा है। इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी स्थानीय निकायों (यू.एल.बी., अर्बन लोकल बॉडीज) के सहयोग से 11,044 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों (शहरी-एच.डब्ल्यू.सी.) के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के विकेन्द्रीकृत वितरण को सक्षम बनाने की योजना बनाई गई है। ये केन्द्र यू.एल.बी. या अर्बन लोकल बॉडीज द्वारा चिन्हित स्लम और संवेदनशील क्षेत्रों के 15,000 से 20,000 की आबादी को सेवाएं प्रदान करेंगे। विशेष सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए समुदायों के नजदीक ही नए शहरी पॉलीक्लिनिक भी स्थापित किए जाएंगे।

महामारी के दौरान अस्पताल की इमारतों के एक हिस्से को संक्रामक रोगों के लिए चिन्हित करने संबंधी प्रावधान न होने पर आवश्यक सेवाओं पर गंभीर प्रभाव महसूस किया गया। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या आकार के आधार पर 50-100 बैड के 602 क्रिटिकल केयर सैंटर ब्लॉक व जिला स्तर पर स्थापित किए जाएंगे ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था भविष्य की आपदा या सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों में पर्याप्त रूप से काम आ सके। इसके अतिरिक्त मिशन के अंतर्गत 12 केन्द्रीय अस्पतालों/संस्थानों में 150 बैड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक तैयार किए गए हैं, जो राज्यों को तकनीकि सहायता पहुंचाने में संरक्षक संस्थान के रूप में काम करेंगे। जिला स्वास्थ्य सुविधाओं में आई.सी.यू. और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ 37,000 नए क्रिटिकल केयर बैड उपलब्ध होंगे, जिससे आने वाले 5 वर्षों में सभी जिलों को क्रिटिकल केयर प्रदान करने में आत्मनिर्भर होने का हमारा सपना साकार होगा। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत देश भर में 4000 से अधिक प्रयोगशालाओं और व्यापक निगरानी प्रणाली के साथ एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों का प्रभावी ढंग से पता लगाने, जांच करने और उनका मुकाबला करने के लिए 50 अंतर्राष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं (एंट्री प्वाइंट्स) पर स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत किया जाएगा।

इस मिशन के साथ भारत एशिया का ऐसा पहला ऐसा देश होगा जिसके पास 2 कंटेनर आधारित मोबाइल अस्पतालों के साथ आपातकालीन तंत्र होगा तथा स्वास्थ्य टीमों को आपातकालीन/ संकट की स्थिति में तुरंत तैनात किया जा सकेगा। पी.एम.ए.बी.एच.आई.एम. के तहत कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों पर अनुसंधान के लिए निवेश को भी लक्षित किया गया है जिसमें बायोमैडिकल अनुसंधान भी शामिल है। जानवरों और मनुष्यों में संक्रामक रोग के प्रकोप को रोकने, पता लगाने और प्रतिक्रिया के लिए वन हैल्थ एप्रोच के तहत क्षमता विकसित करने के साक्ष्य उत्पन्न करना भी योजना में शामिल है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से लाभ का फायदा उठाने, कमियों को दूर करने और तैयारियों के लिए नवाचारों तकनीकि को स्थापित कर एक सुदृढ़ भारत बनाने की रणपीति तैयार की गई है। इस बाबत पी.एम.ए.बी.एच.आई.एम. एक गेम चेंजर के रूप में, नियमित और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण की सुरक्षा तथा संकट प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने के साथ आवश्यक हथियार के के तौर पर हमारे पास होगी। 


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