बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के विस्तार का स्वागत

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2024 - 05:02 AM (IST)

भले ही हम दुनिया के सबसे युवा देश होने पर गर्व करते हैं, दुनिया की औसत आयु 27 वर्ष है, जिसका अर्थ है कि हमारी आधी आबादी 27 वर्ष से कम उम्र की है, फिर भी ज्यादा समय नहीं लगेगा जब औसत आयु बढऩे लगेगी और जनसंख्या वृद्ध हो जाएगी। 2021 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत की केवल 8.6 प्रतिशत आबादी 60 वर्ष से अधिक आयु की थी। 2020 में प्रकाशित सरकार के लांगिच्यूडनल एजिंग स्टडी इन इंडिया के अनुसार, 2050 में यह अनुपात बढ़कर 19.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है। 

इसका मतलब यह होगा कि 2050 में बुजुर्गों की आबादी 103 मिलियन से तीन गुना बढ़कर 319 मिलियन हो जाएगी। जाहिर तौर पर जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जाएगी, वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी और एक समय आएगा जब हम सबसे बुजुर्ग लोगों में से एक होंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ‘‘उम्रदराज आबादी का मतलब स्वास्थ्य और दीर्घकालिक देखभाल पर खर्च में वृद्धि, श्रम बल की कमी और बुढ़ापे में आय असुरक्षा होगी।’’ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, पोषण और जागरूकता के परिणामस्वरूप देश में जीवन प्रत्याशा 1950 में 35.21 वर्ष से बढ़कर 2022 के नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 70.19 वर्ष हो गई है। भविष्य में इसमें वृद्धि होना तय है। 

जीवन प्रत्याशा में तेज वृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध होने के बावजूद, विभिन्न जीवन बीमा कंपनियां 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए जीवन बीमा कवर देने से इंकार कर रही थीं। लेकिन मौजूदा पॉलिसी धारकों को भारी कीमत पर और पहले से मौजूद बीमारियों सहित कई बहिष्करणों के साथ विस्तार की अनुमति दी गई थी। उदाहरण के लिए, कोई मधुमेह से पीड़ित है, तो बीमा कवर में इससे जुड़ी बीमारियां शामिल नहीं होंगी। इसीलिए नई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों की खरीद पर आयु प्रतिबंध को समाप्त करने का भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आई.आर.डी.ए.) का हालिया निर्णय बहुत स्वागत योग्य है। 

अधिकतम आयु प्रतिबंधों को समाप्त करके, बीमा नियामक का लक्ष्य एक अधिक समावेशी और सुलभ स्वास्थ्य प्रणाली प्रदान करना है, जिससे अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। नियामक ने बीमा कंपनियों से यह भी कहा है कि वे किसी भी प्रकार की पहले से मौजूद चिकित्सा स्थिति वाले व्यक्तियों को भी स्वास्थ्य पॉलिसी कवर प्रदान करें। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा को शामिल किया जाना भी स्वागत योग्य है। पार्टी ने वादा किया है कि 70 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में लाया जाएगा। 

यह योजना लाभार्थियों को 5 लाख रुपए का कवरेज प्रदान करती है और यह आश्वासन कि यह योजना 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए विस्तारित की जाएगी ‘चाहे वे गरीब हों, मध्यम वर्ग या उच्च वर्ग हों’, बहुत स्वागत योग्य है। वर्तमान में लाभार्थियों की पहचान 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना से विशिष्ट अभावों और व्यावसायिक डेटा का उपयोग करके की जाती है। और कई विकसित देश वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवर प्रदान करते हैं और भारत में भी सरकारी कर्मचारियों और रक्षा सुरक्षा सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के लोगों को पैंशन और स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। हालांकि, आबादी का एक बड़ा हिस्सा वंचित रहता है और वृद्धावस्था में किसी भी स्वास्थ्य घटना के लिए बचत इन लोगों के बीच सबसे गंभीर ङ्क्षचता का विषय है। कभी-कभी चिकित्सा देखभाल की उच्च लागत को पूरा करने के लिए जीवन भर की सारी बचत समाप्त हो जाती है। 

वही अध्ययन जिसमें 2050 तक वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या में 19.5 प्रतिशत की तेज वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, यह भी बताया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों को प्रभावित करने वाली सबसे प्रमुख बीमारी हृदय से संबंधित है। इसके बाद उच्च रक्तचाप (32 प्रतिशत), पुरानी हड्डी या जोड़ों के रोग (19 प्रतिशत) और मधुमेह (13.2 प्रतिशत) का स्थान आता है। यह खुशी की बात है कि वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बीमा कंपनियों द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य पॉलिसियां उचित मूल्य वाली और किफायती हों अन्यथा योजना की पूरी भावना ही समाप्त हो जाएगी।-विपिन पब्बी
 


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