‘बम्पर सफलता’ के बाद मोदी सरकार का ‘गरीब नवाज बजट’

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 03:32 AM (IST)

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को लोकसभा में इस वर्ष का बजट प्रस्तुत करते समय पुरानी परम्परा को तोड़ कर एक नई परम्परा शुरू की। वह बजट की प्रति ब्रीफकेस की बजाय लाल रंग के कपड़े में लपेट कर लाईं और इसे नाम दिया ‘बही-खाता’। हालांकि चुनावी वर्ष होने के कारण इससे पूर्व 1 फरवरी को तत्कालीन कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल 2019-20 का अंतरिम बजट पेश कर चुके थे जो चुनाव पूर्व का बजट होने के नाते लोकलुभावन बजट था परंतु सीतारमण द्वारा पेश इस बजट में आशा की जाती थी कि चुनावों में बम्पर विजय की खुशी में सरकार लोगों को कुछ और रियायतें देगी। 

श्रीमती सीतारमण ने अपने बजट को ‘गांव, गरीब और किसान केंद्रित बजट’ करार दिया और मोदी सरकार की पिछली उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पहले दौर में देश को धुएं से मुक्ति दिलाने, निजी उद्योगों के माध्यम से अर्थव्यवस्था मजबूत करने के अलावा अनेक सुधारवादी पग उठाए। उनके अनुसार अब अगले दौर में सरकार का ‘रिफार्म, परफार्म व ट्रांसफार्म’ पर जोर देने के साथ ही भारत को मोस्ट फेवरेट एफ.डी.आई. (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) देश बनाने और नारी सशक्तिकरण, देश के बुनियादी ढांचे का विकास, रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने, रेलवे और अन्य सुविधाओं के विकास जैसी योजनाओं पर जोर रहेगा। 
बजट की विशेष बातें : 

45 लाख रुपए तक का मकान खरीदने पर हाऊसिंग लोन पर ब्याज की छूट सीमा 2 से बढ़ा कर 3.5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है। मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 1 लाख रुपए तक का ऋण देने, प्रत्येक महिला का जन-धन योजना के अंतर्गत बैंक खाता खोलने और 5000 रुपए का ओवर ड्राफ्ट देने का प्रस्ताव है। महिलाओं के नेतृत्व में अनेक योजनाएं चलाने के अलावा महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सबसिडी दी जाएगी। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए ‘नारी तू नारायणी’ का नया नारा दिया गया है। भारत में नई शिक्षा नीति लाने ‘खेलो इंडिया’ योजना का विस्तार करने और राष्ट्रीय खेल बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव है। 

कृषि में व्यापक निवेश करने के साथ ही अन्नदाता को ऊर्जा दाता बनाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की जाएंगी। 59 मिनट में छोटे दुकानदारों को ऋण उपलब्ध करवाने और खुदरा कारोबारियों को पैंशन देने के प्रस्ताव के अलावा ‘हर घर को नल और जल’ देने की योजना पर भी काम किया जाएगा। इलैक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए इन पर जी.एस.टी. 12 से घटा कर 5 प्रतिशत किया गया। इन्हें खरीदने के लिए ऋण पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर भी आयकर में 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 

हाऊसिंग फाइनैंस कम्पनियों को अब सीधे आर.बी.आई. की निगरानी में लाने का प्रस्ताव है। सरकारी कम्पनियों को बेच कर 10 लाख 5 हजार करोड़ रुपए के विनिवेश  का प्रस्ताव है। एयर इंडिया को बेचने की नए सिरे से कोशिश की जाएगी। 400 करोड़ रुपए वार्षिक टर्न ओवर वाली कम्पनियों को कार्पोरेट टैक्स में छूट बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दी गई है जो पहले 250 करोड़ रुपए तक थी। अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ा कर 5 करोड़ रुपए से अधिक आय पर 7 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने तथा बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक की निकासी पर 2 प्रतिशत टी.डी.एस. लगाने का प्रस्ताव है। 12 वर्षों में रेलवे में 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। बजट में आम करदाता को कोई नई राहत नहीं दी गई है। पैट्रोल, डीजल, सोना और कुछ अन्य वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है। पैट्रोल, डीजल पर 1-1 प्रतिशत अतिरिक्त सैस लगाने से ये महंगे हो जाएंगे। इससे माल ढुलाई पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा जिसका प्रभाव लगभग हर वस्तु की कीमत पर पड़ेगा। 

सोने पर शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। तम्बाकू पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। आयातित पुस्तकों पर भी 5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है। सी.सी.टी.वी., पी.वी.सी. व मार्बल पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अन्य भाजपा नेताओं ने यह बजट पेश करने के लिए निर्मला सीतारमण को बधाई दी है वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने इसे अब तक के सबसे अस्पष्टï भाषणों में से एक बताते हुए बिना पैनकार्ड के सिर्फ आधार कार्ड से आई.टी.आर. दायर कर सकने की घोषणा को कामेडी करार दिया और कहा कि, ‘‘सरकार कभी कुछ करती है, कभी कुछ जैसे कोई कामेडी चल रही हो।’’ 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बजट को ‘नई बोतल में पुरानी शराब’ करार देते हुए कहा है कि ‘‘इसमें कुछ भी नया नहीं है और रोजगार के अवसर पैदा करने आदि के लिए कोई योजना नहीं है।’’ इसी प्रकार आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के अनुसार, ‘‘यह असमंजस वाला बजट है जिसमें किसी के लिए कुछ भी स्पष्टï नहीं है तथा इसमें किसान, महिला और युवा सब को झटका दिया गया है।’’ बसपा सुप्रीमो मायावती के अनुसार, ‘‘यह बजट कुछ बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्ना सेठों की हर तरह से मदद करने वाला है जिससे महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, किसान और ग्रामीण समस्या और भी जटिल होगी।’’ कुल मिलाकर यह एक सुधारवादी बजट है।—विजय कुमार  


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