‘आवारा कुत्तों से’ परेशान-सारा देश हो रही ‘बड़ी संख्या में मौतें’!

punjabkesari.in Thursday, Oct 26, 2023 - 04:14 AM (IST)

आज सारा देश आवारा कुत्तों की समस्या से परेशान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के अनुसार विश्व में लोगों को कुत्तों द्वारा काटने की सर्वाधिक घटनाएं भारत में हो रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष भारत में प्रतिदिन औसतन 11,000 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा।कुत्तों के उत्पात को लेकर लोगों में इस कदर रोष है कि अनेक स्थानों पर लोगों ने आवारा कुत्तों को खाने की वस्तुएं देने वालों का विरोध करना शुरू कर दिया है। कुछ स्थानों पर तो लोग आवारा कुत्तों को जहर देकर मारने तक के लिए दूसरे लोगोंं की सहायता ले रहे हैं। 

हाल ही में प्रसिद्ध ‘वाघ बकरी चाय ग्रुप’ के एग्जीक्यूटिव डायरैक्टर पराग देसाई की आवारा कुत्तों के हमले के परिणामस्वरूप हुई मौत ने सारे देश का ध्यान कुत्तों के उत्पात की ओर खींचा है। श्री पराग देसाई 15 अक्तूबर शाम को गुजरात में अहमदाबाद स्थित अपने घर से सैर को निकले थे, जब आवारा कुत्ते उनके पीछे पड़ गए। वह डर कर भागे तो सड़क पर फिसल कर गिर जाने से उनके सिर पर गंभीर चोट आ गई और बाद में ब्रेन हैमरेज से उनकी दुखद मौत हो गई। 

* 25 अक्तूबर को आगरा (उत्तर प्रदेश) के ‘चौसिंगी’ गांव में कुत्ते के काटने से रैबिज के संक्रमण के परिणामस्वरूप एक बच्ची की मौत हो गई।
* 29 सितम्बर को मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) में घर के बाहर खेल रही 12 वर्षीय मासूम बच्ची की कुत्ते के काटने से संक्रमण के चलते जान चली गई। 
* 12 सितम्बर को बहराइच (उत्तर प्रदेश) के ‘रमपुरवा’ में अपने घर के सामने खेल रही बच्ची को कुत्ते ने काट लिया।
* 10 सितम्बर को नोएडा (उत्तर प्रदेश) में आवारा कुत्ते ने एक व्यक्ति को काट कर लहूलुहान कर दिया। 
* 2 सितम्बर को रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के ‘तमनार’ में एक खूंखार कुत्ते के काटने से एक किसान की मौत हो गई। 

* 26 जुलाई को जालौन (उत्तर प्रदेश) के ‘कोंच’ गांव में आवारा कुत्ते के काटने से एक बच्ची की मौत हो गई।
* 25 जुलाई को एक ही दिन में देहरादून (उत्तराखंड) में आवारा कुत्तों ने 100 लोगों को काट लिया। 
* 9 जून को विजयनगरम (आंध्र प्रदेश) जिले के राजम में एक ही दिन में आवारा कुत्तों ने 5 लोगों को काटा। 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2022 में देश भर में आवारा कुत्तों के काटने के सर्वाधिक 3,46,318 मामले महाराष्टï्र में सामने आए जबकि 3,30,364 मामलों के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर तथा 1,69,378 मामलों के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा। 

इसके बाद उत्तराखंड (1,62,422), कर्नाटक (1,46,094), गुजरात (1,44,855) तथा बिहार (1,18,354) का स्थान रहा। देश के अन्य राज्य भी आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्त नहीं हैं। 
आवारा कुत्तों के बढ़ रहे आतंक तथा जनजीवन के लिए पैदा हो रहे खतरे के कारण केंद्र सरकार ने इस वर्ष 13 अप्रैल को जारी एक आदेश द्वारा राज्य सरकारों को इनसे निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा। 
देश में कुत्तों का उत्पात और आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अब तो इस समस्या पर न्यायपालिका तक को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। 

* 11 सितम्बर को एक वकील को कुत्तों के एक झुंड द्वारा काट लेने पर  ङ्क्षचता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘‘यह गंभीर खतरा बन गया है।’’ 
* 15 सितम्बर को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को इस गंभीर समस्या का तत्काल नोटिस लेकर तुरंत उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए जहां एक वर्ग कड़े कदम उठाने की मांग कर रहा है, तो दूसरी ओर पशु प्रेमी समूह जानवरों के प्रति दया की भावना रखने की बात कहते हैं। अत: दोनों पक्षों को संतुष्टï रखते हुए इस समस्या का समाधान तलाशने की जरूरत है। इस समस्या का संज्ञान लेकर सभी संबंधित स्थानीय निकायों के प्रबंधकों को आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण पाने के उपाय करने, उन्हें ‘डॉग कम्पाऊंडों’ में बंद करने और अस्पतालों में कुत्तों के काटने के इलाज की दवाओं की आपूॢत यकीनी बनाने के साथ-साथ उनकी नसबंदी तथा टीकाकरण यकीनी बनाने की जरूरत है।—विजय कुमार 


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