लगातार बढ़ रही है शैल्टर होम्स में लड़कियों के उत्पीड़न और गायब होने की समस्या

punjabkesari.in Sunday, Aug 12, 2018 - 01:24 AM (IST)

हालांकि देश में सरकारी और गैर सरकारी तौर पर चलाए जा रहे महिला शरणगृहों (शैल्टर होम्स) से अपेक्षा की जाती है कि वहां जरूरतमंद, बेसहारा और लाचार महिलाएं सुरक्षित वातावरण में रहेंगी परंतु वास्तविकता कुछ और ही है तथा वहां लगातार महिलाओं का शोषण व उत्पीडऩ हो रहा है। 

अभी हाल ही में आधा दर्जन के लगभग शैल्टर होम्स में रहने वाली महिलाओं व लड़कियों के गायब होने और उनके उत्पीडऩ ने देश में महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में प्रश्र खड़े कर दिए हैं। बिहार में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में महिलाओं के शोषण का एक मामला इस साल के शुरू में सामने आया जब 31 मई को बिहार सरकार ने पुलिस में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई जिसमें कहा गया था कि एन.जी.ओ. ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा संचालित बालिका गृह में कई लड़कियों ने यौन उत्पीडऩ की शिकायत की है। 

पहले वहां 29 नाबालिग लड़कियों का रेप होना बताया गया था परंतु बाद में कहा गया कि 29 नहीं बल्कि 34 नाबालिग लड़कियों का रेप हुआ। सी.बी.आई. का आरोप है कि ‘बालिका गृह’ के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वहां रह रही लड़कियों का मानसिक, शारीरिक एवं यौन उत्पीडऩ किया। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में बालिका गृह की महिला कर्मचारियों और समिति के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा एन.जी.ओ. को काली सूची में डाल दिया है।

मुजफ्फरपुर में ही उक्त ‘बालिका गृह’ से मुश्किल से 200 मीटर की दूरी पर स्थित अल्पकालिक आवास स्थल ‘स्वाधार गृह’ से भी 11 महिलाओं के लापता होने का समाचार है। विरोधी दलों ने जहां इस कांड को लेकर 2 अगस्त को बिहार बंद का आयोजन किया वहीं इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से त्यागपत्र की भी मांग की जा रही है। इस दुष्कर्म कांड में बिहार सरकार ने कार्रवाई करते हुए समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का त्यागपत्र ले लिया है। उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर मुख्यारोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ नजदीकी के आरोप हैं जो दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद से गायब है। 

सी.डी.आर. रिकार्ड में यह तथ्य सामने आया है कि ब्रजेश ठाकुर और चंद्रशेखर के बीच इस साल 5 महीनों में 17 बार फोन पर बातचीत हुई। दोनों की मुलाकात भी होती थी और दिल्ली में एक टूर पर भी दोनों साथ थे। आरोप है कि चंद्रशेखर शैल्टर होम भी जाता था। इसी बीच 5 अगस्त को उत्तर प्रदेश में देवरिया के एक शैल्टर होम में देह व्यापार के खुलासे से हड़कंप मच गया। पुलिस ने यहां से 24 बच्चियों को छुड़वाया जबकि 19 अभी तक गायब बताई जा रही हैं। 

यहां से भागी एक 10 वर्षीय बच्ची ने पुलिस को बताया था कि वहां ‘गंदा काम’ हो रहा है जिसके बाद पुलिस ने वहां छापेमारी की थी। इसकी संचालिका गिरिजा त्रिपाठी सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 7 अगस्त को हरदोई के बेनीगंज में स्थित ‘स्वाधार गृह’ से जिला मैजिस्ट्रेट के निरीक्षण के दौरान 19 महिलाएं गायब पाई गईं। इस बारे शैल्टर होम चलाने वाली एन.जी.ओ. ‘आयशा ग्रामोद्योग समिति’ पर मुकद्दमा दर्ज किया गया है। इन लड़कियों को सजा-संवार कर कार से गोरखपुर ले जाया जाता था जहां होटल में गलत काम के बदले में उन्हें 500-1000 रुपए दिए जाते थे। 

8 अगस्त को झारखंड में चाईबासा के मझगांव प्रखंड में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 76 छात्राएं गायब पाई गईं और 9 अगस्त को उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के 2 शैल्टर होम्स की जिला प्रशासन द्वारा औचक जांच के दौरान पूर्व भाजपा महिला मोर्चा प्रमुख रमा मिश्रा द्वारा अष्टïभुजा नगर में चलाए जा रहे ‘जागृति शैल्टर होम’ में रखी 15 में से 14 तथा अचलपुर में चलाए जा रहे शैल्टर होम में रहने वाली 15 में से 12 महिलाएं गायब पाई गईं। शैल्टर होम्स और आवासीय विद्यालय में लड़कियों के उत्पीडऩ और गायब होने से स्पष्टï है कि ये जनहितकारी संस्थाएं किस कदर प्रशासकीय लापरवाही और कुप्रबंधन का शिकार हैं जो लड़कियों के शरणस्थल की बजाय मरणस्थल सिद्ध हो रही है। इस स्थिति को देश के सभी शैल्टर होम्स में निगरानी प्रणाली को मजबूत करके तथा इनके लगातार निरीक्षण और स्टाफ की जवाबदेही तय करके और दोषियों को कड़ी सजा देकर ही पलटा जा सकता है।—विजय कुमार  


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Pardeep

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