समाज में बढ़ती असहनशीलता कानून हाथ में लेकर ‘भीड़ कर रही इंसाफ’

punjabkesari.in Friday, Aug 19, 2022 - 05:02 AM (IST)

देश में इन दिनों एक गलत रुझान चल पड़ा है जिसके अंतर्गत लोग जरा-जरा सी बात पर आपा खोकर एक-दूसरे पर हमले करने लगे हैं जिसका परिणाम दुखद घटनाओं के रूप में निकल रहा है। इसी महीने सामने आईं ऐसी ही कुछ निम्र घटनाएं : 

* 1 अगस्त को राजस्थान के दांगीपुरा क्षेत्र के ‘कोलूखेड़ी’ गांव में एक विधवा महिला के साथ अवैध सम्बन्धों के शक में ग्रामीणों ने गोपाल नामक युवक के हाथ बांध कर उसे नग्न अवस्था में पूरे गांव में घुमाया और बुरी तरह मारपीट की। 
* 5 अगस्त को बिहार के अररिया जिले के ‘पोथिया’ गांव में मवेशी चुराने के संदेह में लाखन राम नामक एक व्यक्ति को पकडऩे के बाद गांव वालों ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।
* 5 अगस्त को ही वाराणसी जिले के ‘कपसेठी’ थाना क्षेत्र के गांव ‘उईलरा’ में चोरी के आरोप में कुछ लोगों ने विजय कुमार गौतम नामक 14 वर्षीय दलित किशोर की पीट-पीट कर हत्या कर दी। 

* 6 अगस्त को बिजनौर जिले के ‘शेरकोट’ थाना क्षेत्र के ‘मनोकामना मंदिर’ में 20 वर्ष से पुजारी का दायित्व निभाते आ रहे ‘बेग राम’ को कुछ लोगों ने पुरानी रंजिश के चलते डंडों से पीट-पीट कर मार डाला।
* 10 अगस्त को जयपुर के गांव रायसर में अनीता रेगर नामक दलित अध्यापिका ने सुनील नामक एक परिचित को उधार दिए अढ़ाई लाख रुपए वापस मांगे तो नाराज सुनील तथा उसके साथियों ने उसे 6 वर्षीय बेटे के सामने पैट्रोल डाल कर जिंदा जला दिया। 

* 11 अगस्त को लखनऊ में रेलवे के रिटायर इंजीनियर रामपाल सिंह को एक ठेकेदार ने अपने 2 साथियों के साथ मिल कर रात भर बंधक बना कर रखने के बाद बुरी तरह पीटा और फिर जान से मारने की धमकी देकर उसका नग्न वीडियो बनाया और वायरल करने की धमकी दे कर उससे 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी।
* 14 अगस्त को नई दिल्ली में 2 भाइयों के झगड़े में बीच-बचाव करने आए एक युवक की आधा दर्जन लड़कों ने बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उसकी मौत हो गई।
* 14 अगस्त को ही अलवर में गोबिंदगढ़ कस्बे के ‘रामबास’ गांव में 15-20 युवकों ने ट्रैक्टर चोरी के शक में चिरंजी लाल नामक एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। 

* 16 अगस्त को मुम्बई में शिवसेना के विधायक संतोष बांगर ने मजदूरों को घटिया भोजन देने के संदेह में ‘भोजन प्रबंधक’ को न सिर्फ गालियां निकालीं बल्कि ताबड़तोड़ थप्पड़ भी जड़ दिए।
* 16 अगस्त को ही दिल्ली के ‘मदनपुर खादर’ में जन्मदिन की पार्टी में मामूली विवाद के चलते फैजान अली नामक 15 वर्षीय किशोर की उसके दोस्त मोनू ने लोहे की छड़ से पीट-पीट कर हत्या कर दी। 

* 17 अगस्त को झारखंड के दुमका में मामूली विवाद के चलते 5 लोगों ने एक युवक को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी जान चली गई। 
 यही नहीं, राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा गांव में एक निजी स्कूल के प्रधानाध्यापक ‘छैल सिंह’ द्वारा गत 20 जुलाई को इंद्र मेघवाल नामक 9 वर्षीय दलित छात्र की पिटाई और फिर 13 अगस्त को हुई उसकी मौत के मामले से प्रदेश में घमासान मचा हुआ है। 

प्रधानाध्यापक ने उक्त छात्र को सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीट डाला क्योंकि उसने तथाकथित ऊंची जाति के छात्रों तथा अध्यापकों के लिए रखे हुए घड़े से पानी पी लिया था। इस घटना के चलते राजस्थान की अशोक गहलोत (कांग्रेस) सरकार अपनी ही पार्टी के सदस्यों के निशाने पर आ गई है और रोषस्वरूप विधायक ‘पाना चंद मेघवाल’ तथा ‘बारां’ नगर परिषद के 12 कांग्रेसी पार्षदों ने त्यागपत्र भी दे दिया है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि ‘‘इस मामले में हम अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। दलितों के जान-माल की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।’’ 

निश्चय ही इस तरह की घटनाएं लोगों में बढ़ रही मानसिक संकीर्णता और असहनशीलता की भावना का परिणाम हैं। अत: इस तरह के अपराधों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों को कानून के अनुसार कड़ा दंड देने के साथ-साथ उनका मानसिक उपचार करवाए जाने की भी जरूरत है ताकि समाज में ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।—विजय कुमार


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