पाकिस्तान को ‘शर्मिंदा कर रहीं’‘विदेश मंत्री कुरैशी की टिप्पणियां और करतूतें’

punjabkesari.in Friday, Aug 21, 2020 - 04:39 AM (IST)

पाकिस्तान के अधिकांश शासकों ने अपनी स्थापना के समय से ही भारत विरोधी एजैंडा तो जारी रखा ही हुआ था, अब इसके कुछ नेता अपने मित्र देशों तक के खिलाफ भी अनाप-शनाप आरोप लगा कर अपने देश का नुक्सान करने लगे हैं। ऐसे ही एक मंत्री हैं ‘शाह महमूद कुरैशी’, जिन्हें विदेश मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया हुआ है। 

25 मई, 2020 को शाह महमूद कुरैशी ने कहा,‘‘भारत द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध किसी भी तरह का दुस्साहस करने पर उसे मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। हम दो विश्व संगठनों के प्रमुखों से कह चुके हैं कि भारत अपनी आंतरिक परिस्थितियों की ओर से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान के विरुद्ध छद्म अभियान चला सकता है।’’ 

24 जून, 2020 को उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘चीन के साथ सीमा विवाद की तरफ से विरोधी दलों का ध्यान हटाने की कोशिश के अंतर्गत भारत सरकार हमारे देश पर हमला करने की साजिश रच रही है तथा पाकिस्तान के विरुद्ध ‘फाल्स फ्लैग आप्रेशन’ (ऐसी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई जिसे अंजाम देने वाले की पहचान अस्पष्ट हो) करने का बहाना ढूंढ रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘भारत सरकार ने पाकिस्तानी राजनयिकों पर जासूसी करने के निराधार आरोप भी लगाए हैं। भारत में पाकिस्तानी अधिकारियों को परेशान और उनकी कारों का पीछा भी किया गया।’’ कुरैशी ने भारतीय कर्मचारियों के साथ पाकिस्तान में भी ऐसा ही करने की धमकी दी। 

6 अगस्त को शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’(ओ.आई.सी.) को सख्त चेतावनी देते हुए कह दिया कि ‘‘यदि आप कश्मीर मुद्दे पर भारत के विरुद्ध कड़ा रुख नहीं अपनाते और इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर हो जाऊंगा, जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने को तैयार हैं।’’ महमूद कुरैशी के इस बयान की उनके अपने ही देश में कड़ी आलोचना हो रही है तथा पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी ने कहा है कि ‘‘विदेश मंत्रालय ने कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान और कश्मीरी जनता को नीचा दिखाया है।’’ 

हमेशा पाकिस्तान की सहायता करने के लिए तैयार रहने वाले सऊदी अरब के शासक कुरैशी के उक्त बयान से भड़क उठे हैं और उन्होंने अब पाकिस्तान से सख्तीपूर्वक अपना कर्जा तुरंत लौटाने की मांग शुरू कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब से लिया हुआ कर्ज चुकाना पड़ रहा है। यही नहीं, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद-बिन-सलमान को मनाने के लिए रियाद पहुंचे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से उन्होंने मिलने तक से इंकार कर दिया और उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

हालांकि वह सऊदी अरब के सेना प्रमुख फियाद-बिन-हामिद से मिले परंतु यह एक औपचारिक भेंट ही थी तथा सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई पर लगाई गई रोक भी जारी रखने का निर्णय किया है। इतना कुछ होने के बाद भी महमूद कुरैशी के तेवर ढीले नहीं हो रहे। इसका ताजा प्रमाण उन्होंने 19 अगस्त को इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रमुख सचिव आजम खान को थप्पड़ मार कर दिया। हुआ यूं कि कुरैशी जब प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने गए तो आजम खान ने उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर ही रोक कर कुछ समय इंतजार करने को कहा क्योंकि प्रधानमंत्री जरूरी बैठक कर रहे थे। इस पर कुरैशी आग बबूला होकर आजम खान से बहस करने लगे और फिर उन्होंने क्रोध में आकर सबके सामने आजम खान को थप्पड़ जड़ दिया। 

शाह महमूद कुरैशी के उक्त बयानों और कृत्यों से स्पष्ट है कि ऐसा करके वह न सिर्फ पाकिस्तान को शॄमदा कर रहे हैं बल्कि सऊदी अरब जैसे अपने मित्रों को भी नाराज करके पहले ही मुसीबतों के पहाड़ तले दबे अपने देश की मुसीबतों को और बढ़ा रहे हैं। इन्हीं सब बातों के चलते अधिकारियों में भारी नाराजगी व्याप्त है और सुनने में आ रहा है कि कुरैशी से विदेश मंत्रालय छीन कर मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी को सौंपा जा सकता है।—विजय कुमार 


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