विदेश जाने के मोह में युवा हो रहे ठगी का शिकार

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2024 - 04:58 AM (IST)

हर कोई चाहता है कि वह अच्छे पैसे कमाए और बेहतर जीवन जीए। इसी आशा में अपने सुखद भविष्य के सपने संजोकर अनेक युवा किसी भी तरीके से विदेश पहुंचने की कोशिश करते रहते हैं। इनमें से अनेक जालसाज एजैंटों के हाथों ठगी का शिकार हो जातेे हैं, जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

* 9 फरवरी, 2024 को कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में जालसाजों द्वारा विदेश जाने के इच्छुक 15 युवकों से 11.25 लाख रुपए की ठगी मार कर उन्हें फर्जी वीजा तथा टिकट थमा देने का मामला सामने आया। मुम्बई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें पता चला कि उनके टिकट तो पहले ही रद्द करवाए जा चुके थे। 
* 10 फरवरी को अलमोड़ा (उत्तराखंड) निवासी 2 भाइयों ने उन्हें अजरबैजान में ड्राइवर की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उनसे 11 लाख रुपए ठगने वाले एजैंट के विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
* 17 मार्च को कुशीनगर और पीलीभीत के रहने वाले 2 जालसाजों ने गोरखपुर डिवीजन के 40 युवाओं को नौकरी के लिए ओमान भेज दिया, जहां उन्हें नौकरी की बजाय बंधक बना लिया गया। 
* 28 मार्च को शफीपुर (उत्तर प्रदेश) के राहतगंज में एक व्यक्ति ने एजैंट द्वारा उसे विदेश भेजने का झांसा देकर उससे डेढ़ लाख रुपए से अधिक की रकम ऐंठ लेने और फर्जी वीजा थमाने के आरोप में शिकायत दर्ज करवाई। 

* 4 अप्रैल को चरखीदादरी (हरियाणा) जिले के ‘बडराई’ गांव निवासी एक युवक को लंदन में डेढ़ लाख रुपए मासिक की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उससे 8 लाख रुपए ठग लेने के आरोप में पीड़ित युवक के पिता ने जालसाज ट्रैवल एजैंट के विरुद्ध पुलिस को शिकायत दी। 
* 4 अप्रैल को ही यमुनानगर के एक युवक को विदेश भेजकर रोजगार दिलाने का झांसा देकर उससे 3.80 लाख रुपए ठग लेने और अपनी रकम वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में पीड़ित युवक के पिता ने ठग एजैंट के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई। 
* 14 अप्रैल को जलालाबाद (पंजाब) में रहने वाले एक व्यापारी की बेटी को विदेश भेजने के नाम पर चंडीगढ़ के एक ट्रैवल एजैंट ने 16 लाख रुपए ठग लिए। बेटी के विदेश न जाने और कर्ज के जाल में फंसने के कारण व्यापारी ने घर में आत्महत्या कर ली। 

यही नहीं, कई बार जब युवक किसी न किसी तरह विदेश की धरती पर पहुंच भी जाता है और वहां उसका सामना कटु वास्तविकता से होता है तो उसके सपने चूर-चूर हो जाते हैं। इसी सिलसिले में पता चला है कि डंकी लगा कर (अवैध तरीके से) अमरीका जाने वालों को वहां भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वे वहां नारकीय जीवन बिताने को मजबूर होते हैं। वहां कई ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जो 6-6 महीनों से रोजगार के लिए भटक रहे हैं और उनमें से कई युवाओं को तो अपने घरों से पैसा मंगवाकर खर्च चलाना पड़ रहा है। अमरीका में बसे भारतीयों के पास हरियाणा व पंजाब इत्यादि राज्यों से अमरीका में अवैध तरीके से पहुंचे युवाओं के परिजनों/ रिश्तेदारों के फोन आते हैं जो उन्हें नौकरी दिलाने का अनुरोध करते हैं परंतु वहां बसे भारतीयों का कहना है कि उनके लिए अवैध रूप से आए युवाओं को नौकरी पर रख कर अपने लिए मुसीबत मोल लेना संभव नहीं है। 

इसी तरह की घटनाओं को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने विदेश जाने के इच्छुकों के लिए गाइडलाइन जारी करके उन्हें सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा था कि उन्हें नौकरी के फर्जी प्रस्तावों के झांसे में नहीं आना चाहिए तथा रजिस्टर्ड भर्ती एजैंटों से ही संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने विदेशों में नौकरियां देने का वायदा करने वाली सभी अनरजिस्टर्ड कम्पनियों को विदेशी भर्ती में शामिल न होने की चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसी गतिविधियां निर्धारित नियमों का उल्लंघन तथा मानव तस्करी के समान दंडनीय अपराध हैं। अत: युवाओं को विदेश जाने के लालच में कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे लाभ की बजाय उन्हें उल्टा हानि उठानी पड़े। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ‘अनरजिस्टर्ड’ और अवैध एजैंट कई बार लोगों को खतरनाक किस्म के काम में फंसा देते हैं, जहां उनके प्राणों के लिए जोखिम होता है, इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।—विजय कुमार 


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