गांव से 415 किमी दूर प्याज बेचने पहुंचा किसान, 205 किलो के मिले सिर्फ 8.36 रुपये

punjabkesari.in Tuesday, Nov 29, 2022 - 12:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: किसान अपनी फसल के अच्छे दाम हासिल करने के पूरे प्रयास करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें मनचाही कीमत शायद कभी ही मिलती है। ऐसा की मामला कर्नाटक के गडग से सामने आया है जब एक किसान को 415 किमी से अधिक दूर बेंगलुरु के यशवंतपुर बाजार में 205 किलो प्याज बेचने के बाद 8.36 रुपये मिले। परेशान किसान इसकी रसीद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी जो वायरल हो गई, पोस्ट पर अन्य किसानों को अपनी उपज बेंगलुरु नहीं लाने की चेतावनी दी गई थी। बिल जारी करने वाले थोक व्यापारी ने प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति क्विंटल बताई है, लेकिन उन्होंने 24 रुपये कुली शुल्क और 377.64 रुपये माल ढुलाई काटकर तिम्मापुर गांव के किसान पावडेप्पा हल्लीकेरी को 8.36 रुपये दिए हैं।

गदड के करीब 50 किसान यशवंतपुर बाजार में प्याज बेचने गए थे, उन्हें बताया गया था कि यहां प्याज की कीमत 500 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन 200 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत देखकर हैरान रह गए। कीमतों से नाराज किसान अब राज्य सरकार को अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के लिए मजबूर करने के लिए एक विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। पावडेप्पा ने कहा कि गडग के हम किसान इस साल लगातार बारिश से प्रभावित हुए हैं और हमने जो प्याज उगाए हैं, वे आकार में छोटे हैं। उन्होंने कहा कि किसान चाहते हैं कि प्याज के लिए एमएसपी जल्द घोषित हो। पुणे और तमिलनाडु के किसान जो अपनी उपज यशवंतपुर लाते हैं, उन्हें अच्छी कीमत मिल रही है क्योंकि उनकी फसल बेहतर है, लेकिन फिर भी हममें से किसी ने भी कीमत के इतने कम होने की उम्मीद नहीं की थी।

पावडेप्पा ने कहा कि मुझे सिर्फ 8 रुपये मिले और अन्य किसानों को यशवंतपुर बाजार से बचने के लिए सचेत करने के लिए मैंने सोशल मीडिया पर रसीद पोस्ट की क्योंकि गडग और उत्तर कर्नाटक में प्याज की फसल को अच्छी कीमत नहीं मिल रही है। मैंने फसल को उगाने और बाजार तक पहुंचाने के लिए 25,000 रुपये से अधिक खर्च किए हैं। कर्नाटक राज्य रायता संघ गडग के जिला अध्यक्ष यल्लप्पा बाबरी ने कहा कि हमने राज्य सरकार से जल्द से जल्द न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का अनुरोध किया है क्योंकि लगातार बारिश के कारण इस पूरे साल किसानों को नुकसान हुआ है। अगर कोई फैसला नहीं हुआ तो हम दिसंबर के पहले सप्ताह में विरोध प्रदर्शन करेंगे।


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Content Writer

Anil dev

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