वैज्ञानिकों को मिली एक रहस्यमयी चीज, एस्टेरॉयड से आई एक अजीब खोज, जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 12:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जापान के हायाबुसा 2 मिशन ने हाल ही में रयुगु नाम के एक प्राचीन एस्टेरॉयड से नमूने वापस लाए हैं। इन नमूनों की जांच के दौरान वैज्ञानिकों को एक दुर्लभ और आश्चर्यजनक खनिज मिला है, जिसका नाम है जेरफिशराइट। यह खोज वैज्ञानिकों के लिए चौंकाने वाली है क्योंकि इस खनिज की उपस्थिति सौरमंडल की अब तक की समझ को पूरी तरह से बदल सकती है।
रयुगु क्या है?
रयुगु एक पुराना एस्टेरॉयड है जो कार्बन से भरपूर माना जाता है। वैज्ञानिक इसे सीआई चोंद्राइट्स नामक प्राचीन उल्कापिंडों के समान मानते हैं। रयुगु का निर्माण सौरमंडल के ठंडे बाहरी हिस्सों में हुआ माना जाता है। इसका तापमान कभी भी 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जाता, इसलिए यह माना जाता था कि रयुगु की बनावट में केवल ठंडी और स्थिर परिस्थितियां रही होंगी।
जेरफिशराइट खनिज की खोज
हिरोशिमा विश्वविद्यालय की एक रिसर्च टीम ने जापान के हायाबुसा 2 मिशन द्वारा लाए गए नमूनों की जांच के दौरान जेरफिशराइट नामक दुर्लभ खनिज पाया। यह खनिज आमतौर पर बहुत गर्म और रासायनिक रूप से भिन्न वातावरण में बनता है, जैसे कि सौरमंडल के आंतरिक हिस्सों में पाए जाने वाले उल्कापिंडों में। रिसर्च टीम इस खनिज की खोज के लिए नहीं बल्कि माइक्रोस्कोप तकनीक से यह देखने के लिए नमूनों का अध्ययन कर रही थी कि पृथ्वी के वातावरण के संपर्क में आने से एस्टेरॉयड की सतह पर क्या बदलाव आते हैं। लेकिन जब उन्होंने ग्रेन नंबर 15 की जांच की तो उन्हें जेरफिशराइट मिला, जिससे वे चौंक गए।
यह खोज क्यों है खास?
जेरफिशराइट की उपस्थिति के दो ही संभव मतलब हो सकते हैं। पहला यह कि यह खनिज कहीं और बना और बाद में रयुगु में मिला, या फिर रयुगु के भीतर ही कभी ऐसा वातावरण रहा होगा जो पहले सोचा नहीं गया था। इसका मतलब यह है कि रयुगु का अतीत वैज्ञानिकों की कल्पना से कहीं ज्यादा जटिल और विविध रहा होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि रयुगु सौरमंडल के बनने के लगभग 1.8 से 2.9 मिलियन वर्ष बाद ठंडे और बर्फीले हिस्सों में बना होगा। लेकिन जेरफिशराइट की खोज से यह भी पता चलता है कि कुछ स्थानों पर गर्म और बदलते हालात भी मौजूद रहे होंगे।
इस खोज से क्या बदलाव हो सकते हैं?
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सौरमंडल की बनावट और उसकी उत्पत्ति के बारे में नई थ्योरी बन सकती है।
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एस्टेरॉयड की विविधतापूर्ण भौतिक और रासायनिक परिस्थितियों का पता चलेगा।
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सौरमंडल में पदार्थों के आदान-प्रदान की समझ बढ़ेगी।
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भविष्य में एस्टेरॉयड और उल्कापिंडों के अध्ययन के नए रास्ते खुलेंगे।
वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया
एसोसिएट प्रोफेसर मासाकी मियाहारा ने कहा, “जैसे उष्णकटिबंधीय बीज को आर्कटिक बर्फ में पाया जाए, वैसी ही यह खोज है। यह खनिज या तो किसी अन्य स्रोत से आया है या फिर रयुगु का इतिहास हमारी सोच से अधिक जटिल है।”
वैज्ञानिक अब इस नई जानकारी की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि जेरफिशराइट की उपस्थिति का सटीक कारण क्या है। इससे हमें न केवल सौरमंडल के इतिहास को बेहतर समझने में मदद मिलेगी बल्कि अन्य ग्रहों और क्षुद्रग्रहों के विकास के रहस्यों को भी जानने का मौका मिलेगा।