'कभी सपने में भी नहीं सोचा था, मैं पत्नी बनूंगी'

punjabkesari.in Monday, Oct 09, 2017 - 05:45 PM (IST)

डडेलधुरा: ग्रामीण नेपाल में एक लड़के के रूप में जन्मे मोनिका शाही नाथ ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह दुल्हन बनेंगे और उसे एक पत्नी तथा पुत्रवधू के रूप में स्वीकार किया जाएगा। 40 वर्षीय मोनिका शाही नाथ नेपाल की ऐसी पहली ट्रांसजेंडर शख्सियत बन गए हैं जिन्हें जिला अधिकारियों ने विवाह प्रमाणपत्र जारी किया है। हालांकि देश में इस तरह की व्यवस्था के लिए कोई औपचारिक कानून नहीं है।
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मई में 22 वर्षीय रमेशनाथ योगी के साथ विवाह रचाने वाले मोनिका शाही नाथ को शुरूआत में यह आशंका थी कि उसके ससुराल वाले अपने परिवार में उसका एक ट्रांसजेंडर के रूप में स्वागत नहीं करेंगे और नेपाल में इस तरह के दंपती को स्वीकृति मिलने के कम ही मामले सामने आए हैं।वर्ष 2015 में ‘अन्य’ के लिए ‘ओ’ जेंडर के साथ पासपोर्ट हासिल करने वाले नाथ ने कहा,‘‘ हम खुश है कि हमें पति और पत्नी के रूप में स्वीकार किया गया।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं किसी की पत्नी बनूंगी और मुझ से पुत्रवधू के जैसे प्यार किया जाएगा।’’  नाथ पश्चिमी नेपाल के एक दूरदराज के गांव में लड़के के रूप में बड़ी हुई थी जिसे मनोज कहकर पुकारा जाता था और उसने कहा कि वह हमेशा कुछ अलग महसूस करती थी।
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उसने कहा,‘‘ स्कूल में मैं लड़कियों के साथ बैठना चाहती थी और महिलाओं के कपड़े उसे आर्किषत करते थे।’’  बीस वर्ष के आसपास उसने एक महिला के रूप में कपड़े पहनना शुरू किया और अपनी बहन के कपड़े चुराकर वह नजदीक के शहर में कुछ दिनों के लिए रही।  उसने कहा,‘‘ घर से दूर, मैं चुपके से एक औरत बन जाऊंगा। यह विचार मुझे बहुत खुश करता था , लेकिन मुझे अपने परिवार को यह सब बताने का डर था, मुझे लगा कि मैं उन्हें र्शिमंदा करूंगा।’’   योगी के परिवार ने शुरूआत में विरोध जताया लेकिन अब समुदाय ने दंपती को स्वीकार कर लिया है।  नाथ ने कहा,‘‘ मुझे किसी की पत्नी होने का आशीर्वाद मिला है, लेकिन सरकार को कानूनी बदलने की जरूरत है ताकि लोग आसानी से उस व्यक्ति से शादी कर सकें जिससे वे प्यार करते हैं।’’ 


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