अमेरिका का बड़ा सैन्य कदम: पाकिस्तान को मिल रही हैं हाईटेक AIM-120 मिसाइलें, बालाकोट की यादें ताजा...

punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 10:29 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, जहां पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से AIM-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें (AMRAAM) मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यह मिसाइलें पाकिस्तान की वायु सेना के F-16 लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह संगत हैं और माना जा रहा है कि यह सैन्य ताकत को और भी बढ़ाएंगी।

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी युद्ध विभाग (पूर्व में डिफेंस डिपार्टमेंट) द्वारा हाल ही में जारी एक हथियार सौदे में पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइलों का खरीदार बताया गया है। ये मिसाइलें 2019 में भारत के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ हुए हवाई मुकाबलों में भी इस्तेमाल की गई थीं।

फरवरी 2019 में भारत ने खुफिया जानकारी के आधार पर जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर बालाकोट पर सटीक हवाई हमले किए थे, जिसमें कई आतंकवादी और उनके कमांडर मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने हवाई जवाबी कार्रवाई की थी, जिसमें AIM-120 मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ।

अमेरिकी रक्षा कंपनी रैथियॉन को इस मिसाइल के C8 और D3 वेरिएंट्स के उत्पादन के लिए हाल ही में 41.6 मिलियन डॉलर का एक अतिरिक्त अनुबंध मिला है। इस संशोधन के तहत कुल अनुबंध की कीमत 2.51 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है, जिसमें पाकिस्तान समेत कई अन्य देशों को भी मिसाइलें मुहैया कराई जाएंगी। इस नए सौदे में ब्रिटेन, पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कुवैत, सऊदी अरब समेत कई अन्य देशों को भी शामिल किया गया है। इस अनुबंध का कार्य मई 2030 तक पूरा होने की संभावना है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान को कितनी मिसाइलें प्राप्त होंगी, लेकिन इस खबर ने पाकिस्तानी वायु सेना की F-16 फ्लीट को अपग्रेड करने की अटकलों को तेज कर दिया है। वर्तमान में पाकिस्तान के F-16 विमानों में AIM-120 C5 संस्करण का उपयोग होता है, जो 2010 में खरीदा गया था।

इस बीच, जुलाई 2025 में पाक वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ज़हीर अहमद बबर ने अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बातचीत की, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों के और मजबूत होने की संभावना जताई जा रही है।

यह सैन्य सौदा उस समय सामने आया है जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। खासकर मई 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम स्थापित करने में अमेरिका की भूमिका के बाद। पाकिस्तान ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस संघर्ष विराम के लिए धन्यवाद दिया और उनका नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित भी किया।भारत ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि इस संघर्ष विराम की समझौता दोनों देशों के मिलिट्री ऑपरेशन्स के डायरेक्टर्स जनरल के बीच बातचीत का नतीजा था, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता का।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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