Moonquake: चांद पर भी आते हैं भूकंप! NASA ने खोला रहस्य, जानिए कितनी मचती है तबाही
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 12:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब भी हम भूकंप की बात करते हैं तो हमारा ध्यान धरती पर आता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चांद पर भी भूकंप आता है? जी हां, चांद की सतह पर भी कंपन महसूस किए गए हैं जिन्हें मूनक्वेक (Moonquake) कहा जाता है। यह एक बेहद दिलचस्प और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विषय है जिसे NASA ने अपोलो मिशनों के दौरान खोजा और सिद्ध किया।
पहली बार कब पता चला चांद पर भूकंप आता है?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने साल 1969 से 1977 के बीच चलाए गए Apollo मिशन के दौरान चांद पर विशेष यंत्र यानी सीस्मोमीटर (Seismometer) लगाया था। इस उपकरण ने चांद की सतह पर कंपन दर्ज किए जिससे पता चला कि वहां भी भूकंप आते हैं। यह पूरी तरह वैज्ञानिकों के लिए एक नया और हैरान करने वाला विषय था।
चांद पर भूकंप क्यों आता है?
चांद पर भूकंप आने के कई कारण हो सकते हैं। NASA के अनुसार, मुख्य रूप से चार कारण बताए गए हैं:
1. पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण खींचतान (Deep Moonquakes)
चांद और पृथ्वी के बीच गुरुत्व बल काम करता है। जब पृथ्वी की खिंचतान ज्यादा होती है तब चांद के भीतर गहराई में हलचल होती है जिससे गहरे मूनक्वेक्स आते हैं।
2. सतह पर दरारें और खिंचाव (Shallow Moonquakes)
चांद की सतह में दरारें या टूट-फूट भी भूकंप का कारण बनती हैं। यह हलचल सतही स्तर पर होती है पर इसका प्रभाव काफी तेज़ होता है।
3. तापमान में भारी बदलाव (Thermal Moonquakes)
चांद पर दिन और रात के बीच तापमान का अंतर सैकड़ों डिग्री का होता है। इस बदलाव से सतह में तनाव बनता है जो भूकंप का कारण बनता है।
4. उल्का पिंडों की टक्कर (Meteorite Impacts)
जब कोई उल्कापिंड चांद से टकराता है तो इससे भी वहां भूकंप जैसे झटके महसूस होते हैं।
चांद पर भूकंप कितनी देर तक रहता है?
धरती की तुलना में चांद पर आने वाले भूकंप थोड़े अलग होते हैं। यहां पर:
-
कंपन अक्सर कम तीव्रता के होते हैं
-
लेकिन उनकी एनर्जी ज्यादा देर तक बनी रहती है
-
कुछ मूनक्वेक 10 मिनट तक चल सकते हैं
-
कई बार सतह पर दरारें पड़ जाती हैं और कुछ टुकड़े अपनी जगह से खिसक जाते हैं
क्या मूनक्वेक से होती है तबाही?
भले ही चांद पर जीवन नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों की चिंता यह है कि अगर भविष्य में चांद पर बस्तियां बसाई गईं या अंतरिक्ष स्टेशन बनाए गए और वहां मूनक्वेक आया तो इमारतें गिर सकती हैं या सिस्टम को नुकसान हो सकता है। NASA ने चेतावनी दी है कि मूनक्वेक्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भूकंप की जानकारी कैसे मिली?
NASA ने Apollo 11, 12, 14, 15 और 16 मिशनों के दौरान चांद पर सीस्मोमीटर लगाए थे। इन यंत्रों की मदद से 12,000 से ज्यादा मूनक्वेक्स रिकॉर्ड किए गए। इससे पता चला कि:
-
चांद पर भी नियमित रूप से भूकंप आते हैं
-
उनकी प्रकृति और गहराई धरती से अलग होती है
-
सबसे खतरनाक मूनक्वेक सतह के पास आने वाले होते हैं
क्या चांद पर रहने वाले इंसानों के लिए खतरा है?
बिलकुल, अगर भविष्य में चांद पर कॉलोनी बनाई जाती है तो वहां मूनक्वेक्स से बड़ा खतरा हो सकता है। NASA इस बात को लेकर चिंतित है और चांद पर निर्माण कार्य से पहले मूनक्वेक्स की दिशा, गहराई और तीव्रता का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है।