टकराएंगे 2 सुपरमैसिव ब्लैक होल! ब्रह्मांड में होने जा रही है जबरदस्त टक्कर, NASA ने ली अनोखी तस्वीर
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 02:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ब्रह्मांड में एक अनोखी और बेहद रहस्यमय घटना होने जा रही है जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। धरती से करीब 800 मिलियन लाइट ईयर दूर दो सुपरमैसिव ब्लैक होल्स आपस में टकराने वाले हैं। NASA की हबल स्पेस टेलीस्कोप और चंद्रा एक्स-रे वेधशाला ने इस बड़ी ब्रह्मांडीय टक्कर के शुरुआती संकेत दर्ज किए हैं। इस खोज से ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसके विकास को समझने में मदद मिल सकती है।
क्या है सुपरमैसिव ब्लैक होल्स की यह कहानी?
ब्लैक होल्स यानी ऐसा अंतरिक्षीय क्षेत्र जहां गुरुत्वाकर्षण इतना ज़्यादा होता है कि रोशनी भी वापस नहीं लौट पाती। लेकिन सुपरमैसिव ब्लैक होल्स तो और भी ज्यादा विशाल और शक्तिशाली होते हैं। ये आमतौर पर आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाते हैं। NASA के वैज्ञानिकों ने MCG-03-34-64 नाम की गैलेक्सी में एक बेहद खास चीज़ देखी। इस गैलेक्सी के केंद्र में उन्हें तीन अलग-अलग तरह की चमक दिखी। जब वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की तो पता चला कि इनमें से दो चमकें दरअसल सुपरमैसिव ब्लैक होल्स थीं, जो एक-दूसरे के बेहद नजदीक आ रही हैं।
कितना पास हैं ये ब्लैक होल्स?
वैज्ञानिकों के अनुसार ये दोनों सुपरमैसिव ब्लैक होल्स लगभग 300 मिलियन लाइट ईयर की दूरी पर हैं और एक-दूसरे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। अनुमान है कि अगले 100 मिलियन साल में ये दोनों आपस में टकरा सकते हैं। यह घटना अंतरिक्ष में एक ज़बरदस्त ऊर्जा विस्फोट का कारण बनेगी जिसे पृथ्वी से भी वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से महसूस किया जा सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्लैक होल्स का आपस में मिलना यानी मर्ज होना, ब्रह्मांड के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब दो आकाशगंगाएं टकराती हैं, तो उनके केंद्र में मौजूद ब्लैक होल्स भी धीरे-धीरे एक-दूसरे की ओर बढ़ते हैं और एक दिन मिल जाते हैं। इससे एक नया और भी विशाल सुपरमैसिव ब्लैक होल बनता है जो नई गैलेक्सी की संरचना तय करता है।
हमारी आकाशगंगा भी है इस प्रक्रिया में शामिल
ये प्रक्रिया सिर्फ दूर की गैलेक्सी तक सीमित नहीं है। हमारी Milky Way यानी आकाशगंगा भी कई छोटी गैलेक्सी को निगल चुकी है और भविष्य में Andromeda Galaxy से भी टकराने वाली है। यह टक्कर भी करोड़ों सालों बाद होगी लेकिन इसके संकेत आज से ही देखे जा सकते हैं।
NASA और CHANDRA का अहम योगदान
इस खोज में NASA की Hubble Space Telescope और CHANDRA X-ray Observatory की भूमिका बहुत अहम रही है। हबल ने दृश्य प्रकाश (visible light) में इन गैलेक्सी की तस्वीरें लीं जबकि चंद्रा ने एक्स-रे लाइट में जानकारी जुटाई। दोनों डेटा को मिलाकर वैज्ञानिकों को इस अद्भुत घटना की सही तस्वीर समझ में आई।
क्या पृथ्वी पर पड़ेगा इसका असर?
फिलहाल तो यह घटना धरती से करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर है इसलिए इसका सीधा असर नहीं होगा। लेकिन ऐसी घटनाओं के अध्ययन से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि ब्रह्मांड कैसे विकसित हो रहा है और भविष्य में क्या-क्या हो सकता है।