ये काम करके दिखाओ… मिलेंगे पूरे 25 करोड़! NASA का अनोखा चैलेंज
punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 12:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आपको जानकर हैरानी होगी कि चंद्रमा की सतह पर अब भी इंसानी मल-मूत्र से भरे 96 बैग पड़े हुए हैं- जो वहां अपोलो मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा छोड़े गए थे। अब आधी सदी से भी ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद, NASA इन बैग्स को सिर्फ “कचरा” नहीं, बल्कि एक संभावित संसाधन के रूप में देखने लगा है।
इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए NASA ने एक अनोखी और बेहद चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिता की शुरुआत की है – “लूना रिसाइकल चैलेंज”। इस चैलेंज का मकसद है ऐसी तकनीक तैयार करना, जो चंद्रमा पर मौजूद जैविक कचरे (जैसे मल, मूत्र, उल्टी आदि) को उपयोगी संसाधनों जैसे कि ऊर्जा, पानी, खाद या पोषक तत्वों में बदल सके। विजेता टीम को मिलेगा 25 करोड़ रुपये का इनाम और NASA के भविष्य के मिशनों में सहयोग का मौका।
क्यों है चंद्रमा पर मौजूद कचरा बड़ी चुनौती?
1969 से 1972 के बीच हुए छह अपोलो मिशनों में जब एस्ट्रोनॉट्स चंद्रमा पर गए, तो उन्होंने ज़रूरी चट्टानें और सैंपल्स तो धरती पर लाए, लेकिन जगह की कमी के चलते अनावश्यक सामान – जिनमें मानव अपशिष्ट भी शामिल था – वहीं छोड़ दिया गया। इन बैग्स को उस वक्त फेंक दिया गया था, पर अब NASA इन्हें संसाधनों के पुनर्चक्रण (recycling) के नजरिए से देख रहा है।
अर्टेमिस मिशन की तैयारी और कचरा प्रबंधन
NASA का अगला बड़ा लक्ष्य है – चंद्रमा पर इंसानों की स्थायी मौजूदगी स्थापित करना, जिसे अर्टेमिस मिशन के जरिए अंजाम दिया जाएगा। इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत होगी - स्मार्ट और टिकाऊ वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की। चूंकि चंद्रमा से हर बार कचरा धरती पर वापस लाना संभव नहीं है, इसलिए NASA चाहता है कि भविष्य के मिशन ऐसे सिस्टम से लैस हों जो बंद वातावरण में ही कचरे को रिसाइकल कर सकें।
लूना रिसाइकल चैलेंज के लक्ष्य
-इस अंतरराष्ट्रीय चैलेंज के तहत प्रतिभागियों को निम्नलिखित समस्याओं का समाधान देना था:
-कचरे को उपयोगी संसाधनों – जैसे पानी, ऊर्जा, मिट्टी या पोषक तत्व – में बदलने की तकनीक विकसित करना।
-संवेदनशील अंतरिक्ष आवासों में जैविक और पर्यावरणीय खतरों को कम करना।
-ऐसे सिस्टम तैयार करना जो हों – ऊर्जा कुशल, कॉम्पैक्ट और चंद्रमा की ग्रैविटी में भी काम करने योग्य।
-लूप सिस्टम तैयार करना, जहां सभी चीजें दोबारा इस्तेमाल हो सकें – यानी एक स्वावलंबी अंतरिक्ष आवास की नींव।
इनाम और अगला कदम
हालांकि इस प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 थी, और अब NASA के विशेषज्ञ पैनल द्वारा दुनियाभर से मिले आवेदनों की जांच की जा रही है। जिस टीम का समाधान सबसे व्यवहारिक और प्रभावी होगा, उसे मिलेगा:
-$300,000 (करीब 25 करोड़ रुपये) का पुरस्कार
-और NASA के साथ मिलकर भविष्य के मिशनों में काम करने का मौका।