शनि मंदिर में हुए विवाद का श्री श्री रविशंकर ने निकाला हल

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2016 - 06:40 PM (IST)

पुणे : महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में पुरुषों-महिलाओं के भेदभाव के मुद्दे पर मध्यस्थता करते हुए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने आज इस समाधान पर पहुंचने का दावा किया कि पवित्र चबूतरे से कुछ दूरी पर पुरुष एवं महिलाओं, दोनों को देवता के दर्शन की अनुमति दी जाएगी।   
 
काशी विश्वनाथ एवं तिरुपति बालाजी मंदिरों में दर्शन की सुविधा के लिए दो तरह के मॉडल अपनाए जाने की आेर ध्यान दिलाते हुए श्री श्री रवि शंकर ने कहा, ‘‘इस बात पर सहमति बनी कि शनि मंदिर में पवित्र चबूतरे पर कोई पुरुष या स्त्री नहीं चढेगा जहां निरंतर तेल चढाया जाता है जिसके कारण फिसलने की आशंका रहती है।’’ उन्होंने यहां के समीप बालेवादी में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस विवादास्पद मुद्दे का समाधान निकाल लिया गया है। 
 
लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा तथा सभी को पूजा का समान अधिकार होगा।’’  मंदिर न्यासियों के साथ हुई बैठक में रविशंकर के फार्मूले पर सहमति बनी जो तिरुपति बालाजी दर्शन मॉडल पर आधारित है। मंदिर के पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश की मांग पर भूमाता ब्रिगेड के हालिया आंदोलन का नेतृत्व करने वाली तृप्ति देसाई ने कहा, ‘‘यदि चबूतरे पर जाने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जाए तो पवित्र चबूतरे पर देवता की पूजा करने वाले पुजारियों में महिला शामिल होनी चाहिए।’’ 
 
देसाई ने कहा कि यदि पुरुषों एवं महिलाओं के चबूतरे पर चढने पर रोक लगाई जाती है तो भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ताओं को अहमदनगर जिले में स्थित इस मंदिर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस एवं श्री श्री रविशंकर की उपस्थिति में पवित्र चबूतरे पर अंतिम पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि महिलाओं पर लगी रोक को जारी रखने के लिए पुरुषों को भी इससे रोक दिया जाए। 
 

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