सीओएआई का दूरसंचार सचिव को पत्र ओटीटी पर ‘प्रयोग शुल्क’ के लिए नियामकीय ढांचा बनाने की मांग
punjabkesari.in Wednesday, Nov 30, 2022 - 11:50 AM (IST)
नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) दूरसंचार कंपनियों के निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार से व्हॉट्सऐप, सिग्नल और गूगल डुओ जैसी बड़ी इंटरनेट आधारित कॉलिंग और संदेश ऐप से ‘इस्तेमाल शुल्क’ वसूलने के लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय रूपरेखा बनाने की मांग की है।
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने इस बारे में पिछले सप्ताह दूरसंचार सचिव के राजारमन को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि नेटवर्क के इस्तेमाल के आधार पर इस शुल्क को सीमित रखा जा सकता है। ऐसा करते समय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम खंड के ओवर-द-टॉप (ओटीटी) खिलाड़ियों पर बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवाप्रदाताओं की तरह कॉल और संदेश सेवा प्रदान करने वाले ओटीटी खिलाड़ियों की परिभाषा तय करने का प्रस्ताव किया है।
कोचर ने पत्र में कहा कि ओटीटी कंपनियों को दूरसंचार सेवाप्रदाताओं को ग्राहकों को ओटीटी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क के इस्तेमाल को शुल्क का भुगतान करना चाहिए। यह इस्तेमाल शुल्क आपसी सहमति के आधार पर तय किया जाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि कुछ मामलों में ओटीटी खिलाड़ियों और दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के बीच शायद ‘प्रयोग शुल्क’ को लेकर सहमति बनें। ऐसी स्थिति के लिए एक उचित लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था लाने की जरूरत है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने इस बारे में पिछले सप्ताह दूरसंचार सचिव के राजारमन को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि नेटवर्क के इस्तेमाल के आधार पर इस शुल्क को सीमित रखा जा सकता है। ऐसा करते समय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम खंड के ओवर-द-टॉप (ओटीटी) खिलाड़ियों पर बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवाप्रदाताओं की तरह कॉल और संदेश सेवा प्रदान करने वाले ओटीटी खिलाड़ियों की परिभाषा तय करने का प्रस्ताव किया है।
कोचर ने पत्र में कहा कि ओटीटी कंपनियों को दूरसंचार सेवाप्रदाताओं को ग्राहकों को ओटीटी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क के इस्तेमाल को शुल्क का भुगतान करना चाहिए। यह इस्तेमाल शुल्क आपसी सहमति के आधार पर तय किया जाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि कुछ मामलों में ओटीटी खिलाड़ियों और दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के बीच शायद ‘प्रयोग शुल्क’ को लेकर सहमति बनें। ऐसी स्थिति के लिए एक उचित लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था लाने की जरूरत है।
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