वैज्ञानिकों ने खोजी 'सुपर अर्थ', अब होगी नए जीवन की संभावनाओं की तलाश

punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 08:30 PM (IST)

लंदनः खगोलविज्ञानियों ने सूर्य के निकटतम एकल तारे का चक्कर लगा रहे जमे हुए एक ‘सुपर अर्थ’ का पता लगाया है जिससे हमारे ग्रह पृथ्वी के निकटतम पड़ोसी ग्रहों के बारे में जानकारियां सामने आ सकती हैं।
 

क्या है इसका दूसरा नाम
ब्रिटेन के क्वीन मैरी लंदन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार संभवत: चट्टानों वाला यह ग्रह धरती से भी बड़ा है और उसे बर्नाड्स स्टार बी के नाम से जाना जाता है। वह अपने मेजबान तारे का 233 दिनों में चक्कर लगाता है।

क्या होता है सुपर अर्थ के मायने
विज्ञान पत्रिका ‘जर्नल’ में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार यह ग्रह अपने मेजबान तारे से इतना दूर है जिसे ‘स्नो लाइन’ कहा जाता है। यानी इस दूरी पर पानी, अमोनिया, कार्बनडाईक्साइड जैसी चीजें ठंड की वजह से जम जाती हैं। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार इस ग्रह की दशाएं पर्यावास क्षेत्र से परे हैं। पर्यावास क्षेत्र में द्रव पानी और संभवत: जीवन का अस्तित्व होता है। उन्होंने कहा कि इस ग्रह की सतह का तापमान शून्य से करीब 170 डिग्री सेल्सियस नीचे है। इसका तात्पर्य है कि यह ऐसी जमी हुई दुनिया है जहां धरती जैसे जीवन के अनुकूल दशाएं नहीं हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News