मृत्यु के समय बताया ये राज़, बनाएगा सरताज़

punjabkesari.in Tuesday, Jun 05, 2018 - 02:36 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

PunjabKesari

आज से कई सौ वर्ष पूर्व चीन के कन्फ्यूशियस नामक एक विख्यात महात्मा और दार्शनिक हुए हैं। वह बड़े ज्ञानी, विद्वान और अनुभवी विचारक थे। धर्म और ज्ञान की अनेक बातें वह इस प्रकार सहज भाव से समझा दिया करते थे कि किसी के मन में शंका के लिए गुंजाइश नहीं रह जाती और उसका सहज समाधान हो जाता।

PunjabKesari

जब वह मृत्यु के निकट थे और प्राण निकलने में कुछ ही क्षण शेष थे तो उन्होंने अपने शिष्यों को पास बुलाकर अपने जीवन का अंतिम संदेश देने के उद्देश्य से धीरे-धीरे कहा, ‘मेरे प्यारे शिष्यों, जरा मेरे मुंह के भीतर झांककर देखो तो कि जीभ है या नहीं?’

एक शिष्य ने झांककर देखा और बोला, ‘गुरुदेव जीभ तो है।’ 

PunjabKesari

इसके बाद उन्होंने एक अन्य शिष्य की ओर संकेत करते हुए दूसरा प्रश्न पूछा, ‘देखो तो, मेरे मुंह में दांत हैं या नहीं?’ 

उस शिष्य ने उत्तर दिया, ‘गुरुदेव आपके मुंह में दांत तो एक भी नहीं है।’ 

महात्मा कन्फ्यूशियस ने फिर पूछा, ‘पहले दांत का जन्म हुआ या जीभ का?’ 

इस बार सब शिष्यों ने एक साथ उत्तर दिया, ‘गुरुदेव! जीभ का।’ 

PunjabKesari

‘ठीक’ कहकर महात्मा कन्फ्यूशियस ने अपने शिष्यों से पुन: प्रश्र किया, ‘शिष्यों, जीभ जो दांत से उम्र में बड़ी, अब भी मौजूद है, किंतु दांत जो जीभ से उम्र में छोटे हैं नष्ट क्यों हो गए?’

इस प्रश्र को सुनकर सब शिष्य एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। किसी से भी उत्तर देते न बना। 

तब गुरुदेव ने उन्हें समझाया, ‘सुनो, जीभ सरल और कोमल है, इसी से वह अभी तक मौजूद है। दांत क्रूर और कठोर थे, इसी से शीघ्र नष्ट हो गए। तुम भी जीभ के समान सरल और कोमल बनो।’ और कन्फ्यूशियस ने अपनी आंखें सदा के लिए मूंद लीं।

PunjabKesari

क्या आपने देखा कभी गाने वाला कटोरा (देखें Video) 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News