धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट को भारत ने नकारा, कहा-लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी

punjabkesari.in Sunday, Jun 23, 2019 - 02:02 PM (IST)

नई दिल्ली: भाजपा ने अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा के प्रति ‘‘पूर्वाग्रह से प्रेरित'' एवं ‘‘झूठा'' करार दिया और कहा कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ें बहुत गहरी हैं। भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख अनिल बलूनी ने एक बयान में कहा कि 2018 की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट मोदी सरकार और भाजपा के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित है। इस रिपोर्ट की मूल अवधारणा कि यहां अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा के पीछे कोई षडयंत्र है, सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत ऐसे ज्यादातर मामलों में स्थानीय विवादों और अपराधी तत्वों का हाथ होता है। जब कभी जरूरत हुई तो प्रधानमंत्री और भाजपा के अन्य नेताओं ने अल्पसंख्यकों तथा समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के विरूद्ध हुई हिंसा की कड़ी अलोचना की है।

भाजपा नेता ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की जड़ें बहुत गहरी हैं। वे पूरी तरह से स्वतंत्र हैं और वे ऐसे विवादों का फैसला करने और दोषियों को सजा देने में पूर्णतया सक्षम है। दुर्भाग्यवश इन तथ्यों को इस रिपोर्ट में बिलकुल नजरंदाज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत में विश्वास करती है। मोदी सरकार द्वारा आरंभ तथा कार्यान्वित की गई बड़ी बड़ी योजनाओं से समाज के हर जाति, धर्म और क्षेत्र के लोगों को लाभ हुआ है। बलूनी ने कहा कि भारत की जनता ने भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा एवं राजग के विकास एजेंडे में पूर्ण विश्वास जताया है। गौरतलब है कि 21 जून को जारी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ उकसाने वाले भाषण देते हैं।


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Seema Sharma

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