ऑटो चालकों को डबल तोहफा, किराया तो बढ़ा ही, बाकी शुल्कों में होगी 70 फीसदी की कमी!

punjabkesari.in Tuesday, Jul 30, 2019 - 03:41 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ऑटो चालकों को विभिन्न शुल्कों में रियायत देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। दिसंबर 2016 में ऑटो के विभिन्न शुल्कों में वृद्धि की गई थी और इसे तीन से चार गुना तक बढ़ाया गया था। इसे कम किया जाएगा। नए फीस का ढांचा करीब-करीब वैसा ही होगा जैसा दिसंबर 2016 से पहले था। वहीं,ऑटो की फिटनेस फीस माफ  करने पर भी विचार हो रहा है। 

लेट फीस के साथ रजिस्ट्रेशन, री-रजिस्ट्रेशन समेत तमाम तरह की सेवाओं की फीस भी 70 प्रतिशत तक कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस संबंध में परिवहन विभाग को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि मौजूदा फीस स्ट्रक्चर बहुत ज्यादा है और अगर ऑटो की फिटनेस कराने में कुछ देरी हो जाती है तो ऑटो ड्राइवरों को भारी जुर्माना देना पड़ता है। 

गहलोत ने अपने आदेश में कहा है कि इन तमाम समस्याओं को देखते हुए ऑटो से जुड़ी तमाम तरह की फीस को कम करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके लिए परिवहन विभाग को अधिसूचना जारी करनी होगी। इसके साथ ही ऑटो के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने,रजिस्ट्रेशन समेत ओनरशिप ट्रांसफर जैसी तमाम सेवाओं को पेपरलेस मोड में लाए जाने की भी तैयारी की जा रही है। अभी फिटनेस फीस के रूप में 600 रुपए लिए जाते हैं। 

फिटनेस लेट फीस को घटाकर 300 रुपए किया जा रहा है। अभी देर होने पर 1000 रुपए लिए जाते हैं और हर दिन के हिसाब से 50 रुपये लेट फीस ली जाती है। लेकिन नई अधिसूचना लागू होने के बाद हर दिन की 20 रुपए लेट फीस ली जाएगी। ऑटो के रजिस्ट्रेशन और री-रजिस्ट्रेशन कराने की फीस अभी 1500 रुपए है,जिसे घटाकर 300 रुपए किए जाने के आदेश दिए गए हैं। डुप्लिकेट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की फीस 500 से कम करके 150 रुपए की जाएगी। ओनरशिप ट्रांसफर करवाने पर अभी 500 रुपए लगते हैं,जिसे घटाकर 150 रुपए किया जाएगा। जबकि परमिट लेने और नवीनीकरण की फीस अभी 1000 रुपए लगती है,जिसे 500 रुपए करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं,अगर गाड़ी ट्रांसफर करवाने में देरी होती है तो केवल 100 रुपए प्रति महीने का जुर्माना लगेगा जो अभी 500 रुपए लगता है। 

जीपीएस शुल्क नहीं वसूलने का प्रस्ताव 
अभी डिम्ट्स द्वारा जीपीएस चार्जेज के रूप में 1420 रुपए प्रतिवर्ष वसूला जाता है,उसे खत्म किया जाएगा। सरकार ऑटो रिक्शा के लिए दी जाने वाली सिम का खर्च भी परिवहन विभाग या डिम्ट्स द्वारा उठाए जाने के पक्ष में है। अभी सिम के लिए 495 रुपए और जीएसटी प्रतिवर्ष वसूले जाते हैं। 


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Pardeep

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