Pakistani Spy: पाकिस्तानी ''जासूस'' ज्योति मल्होत्रा को ISI से मिली थी ट्रेनिंग, Travel Vlog के लिए यूज करती थी अलग तरह का कैमरा
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 07:28 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर रोज़ चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। ट्रैवल व्लॉगर के नाम पर देशभर की यात्रा कर रही ज्योति, असल में एक पाकिस्तानी जासूस के रूप में काम कर रही थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक, वह न सिर्फ संवेदनशील स्थानों की पहचान कर रही थी बल्कि हाई-क्वालिटी वीडियो और लाइव चैट्स के ज़रिए इन सूचनाओं को अपने पाकिस्तानी आकाओं तक पहुंचा रही थी।
जासूसी का नया तरीका: व्लॉगिंग के पीछे की चाल
ज्योति को पाकिस्तान में बाकायदा प्रशिक्षित किया गया था — कैमरे का कोण, लोकेशन की पहचान, और वीडियो में क्या दिखाना है, सब कुछ स्क्रिप्टेड था। उसका कैमरा विशेष रूप से ऐसा था कि वह सेल्फी मोड में न होकर बैकग्राउंड की स्पष्टता पर केंद्रित रहता, ताकि बोर्ड, साइन और संवेदनशील ढांचे साफ नजर आएं।
कैसे करती थी डेटा ट्रांसफर?
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वीडियो व्लॉग्स – ज्यादातर आधे घंटे से ज़्यादा लंबे होते थे।
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शॉर्ट क्लिप्स – एक मिनट की छोटी वीडियो जिसमें खास लोकेशन्स होती थीं।
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लाइव चैट्स – वह दर्शकों के सवालों के जवाब देती थी, जिनमें से कई पाकिस्तानी फॉलोअर्स थे जो उससे जानबूझकर खास जगहों की जानकारी पूछते थे।
कहां-कहां गई ज्योति?
ज्योति ने 4 महीनों में 30 से अधिक शहरों की यात्रा की, जो किसी सामान्य ट्रैवल व्लॉगर के लिए असामान्य है। उसकी यात्रा की सूची में शामिल हैं:
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नागालैंड, गुवाहाटी, केरल, कश्मीर, प्रयागराज (कुंभ), बनारस, बिहार, उड़ीसा
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वह कई बार विदेश भी गई, खासकर पहलगाम हमले के बाद
इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि उसकी यात्राएं पूरी तरह प्लान की गई थीं, और हर लोकेशन की एक रणनीतिक अहमियत थी।
क्या दिखाती थी ज्योति?
उसके व्लॉग्स में यात्राओं से ज्यादा सड़क मार्ग, पुल, सुरक्षा वाले रास्ते, और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर फोकस रहता था। प्रयागराज कुंभ यात्रा में उसने दिल्ली से प्रयागराज तक का रोड मैप, प्रमुख पुलों और भीड़भरे स्थलों को खासतौर पर हाईलाइट किया। इसी तरह, बनारस और घाटों की जानकारी भी विस्तार से दी गई।
एजेंसियां सतर्क
अब खुफिया एजेंसियां उसके हर वीडियो और यात्रा का विश्लेषण कर रही हैं — कौन-कौन सी जगहों पर गई, किन लोगों से मिली, और क्या सूचनाएं भेजीं। कई संदिग्ध बैंक ट्रांजेक्शन और विदेशी खर्च भी जांच के घेरे में हैं।