Kidney failure jobs: सावधान! ये नौकरियां चुपचाप आपकी किडनी को कर रहीं हैं फेल, जान लें कौन सी 4 जॉब्स हैं सबसे खतरनाक
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 10:56 AM (IST)
नेशनल डेस्क। क्या आप यह मानते हैं कि किडनी की बीमारी सिर्फ खराब लाइफस्टाइल, डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को ही होती है? अगर हां तो यह खबर आपको चौंका सकती है। विशेषज्ञ और शोध बताते हैं कि कई ऐसी नौकरियां हैं जिनमें काम करने की परिस्थितियां (Working Conditions) धीरे-धीरे आपकी किडनियों को अंदर से कमजोर करके उन्हें क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) या किडनी फेलियर की कगार पर ला सकती हैं। मेहनत और पसीना बहाने वाले कई कर्मचारियों को यह अंदाज़ा भी नहीं होता कि उनकी रोज़मर्रा की ड्यूटी उनके सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक किडनी को चुपचाप नुकसान पहुंचा रही है।
कैसे खराब होती है किडनी?
किडनी का मुख्य काम खून को साफ करना और शरीर से गंदगी को बाहर निकालना है। जब यह अंग लगातार हानिकारक तत्वों या अत्यधिक तनाव के संपर्क में आता है तो उसकी फिल्टर करने की क्षमता कम होने लगती है जिससे शरीर में गंदगी जमा होने लगती है। इसी स्थिति को क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) कहा जाता है।
किडनी को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचाने वाली 4 तरह की नौकरियां
शोध के अनुसार निम्नलिखित चार प्रकार के कामकाजी माहौल में किडनी खराब होने का खतरा सबसे अधिक होता है:
1. अत्यधिक गर्मी या धूप में काम करना (Heat Stress)
यह सबसे आम और खतरनाक कारण है। कंस्ट्रक्शन वर्कर, सड़क बनाने वाले मजदूर, ईंट भट्टे के कर्मचारी, किसान और गर्म मशीनों के पास काम करने वाले फैक्ट्री कर्मचारी। अत्यधिक पसीना निकलने से बार-बार डिहाइड्रेशन होता है। शरीर में पानी की कमी होने पर किडनी पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन किडनी को फेलियर की ओर ले जा सकता है।
2. केमिकल और जहरीले धुएं वाला काम (Chemical Exposure)
पेंट इंडस्ट्री, बैटरी बनाने की फैक्ट्री, ग्लू (गोंद) बनाने वाली इकाइयां, टैनरी और विभिन्न रासायनिक उद्योग। इन जगहों पर इस्तेमाल होने वाले सॉल्वेंट (जैसे ट्राईक्लोरोएथिलीन, टॉल्यूईन) और जहरीले धुएं साँस या त्वचा के ज़रिए शरीर में जाते हैं। इनका असर तुरंत नहीं दिखता लेकिन कई सालों के एक्सपोजर से किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है।

3. भारी धातुओं के संपर्क में आना (Heavy Metals Contact)
माइनिंग (खनन), वेल्डिंग, बैटरी फैक्ट्री, पेंट और केमिकल इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग जो लेड (सीसा), कैडमियम या मर्करी (पारा) जैसी धातुओं से जुड़े होते हैं। ये भारी धातुएं किडनी के अंदर जमा हो जाती हैं और उसकी फिल्टर करने वाली कोशिकाओं (सेल्स) को सीधा नुकसान पहुंचाती हैं जिससे किडनी फेल होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

4. बहुत ज्यादा तनाव वाली नौकरी (Chronic Stress)
ऐसी नौकरियां जिनमें लगातार तनाव, देर रात तक काम, नींद की कमी और खाने का अनियमित समय हो। अत्यधिक तनाव ब्लड प्रेशर (BP) को बढ़ाता है और शरीर के मेटाबॉलिज्म (चयापचय) को बिगाड़ता है जिससे किडनी पर लगातार दबाव बना रहता है और वह समय के साथ कमजोर हो सकती है।
रिसर्च में मिले हैं खतरनाक सबूत
कई शोध इस खतरे की पुष्टि करते हैं:
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अमेरिका में खेतों में काम करने वाले मजदूरों में एक ही दिन की मेहनत के बाद भी किडनी चोट (Acute Kidney Injury) के मामले सामने आए हैं।
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थाईलैंड की एक स्टडी में पाया गया कि जिस व्यक्ति को काम में ज़्यादा गर्मी महसूस होती है उसमें किडनी की बीमारी का खतरा 5 गुना तक बढ़ जाता है।

किडनी को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?
अपनी नौकरी को सुरक्षित बनाने के लिए इन उपायों का पालन करें:
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| खतरनाक परिस्थिति | बचाव के उपाय |
| धूप और गर्मी | हर 20-30 मिनट में पानी (सिर्फ पानी नहीं, नमक और मिनरल्स वाले ड्रिंक्स) पीते रहें। छाँव में नियमित कूलिंग ब्रेक लें। |
| केमिकल और भारी धातु | मास्क, ग्लव्स, और सुरक्षा उपकरण (PPE) अनिवार्य रूप से पहनें। वेंटिलेशन (हवादार जगह) सुनिश्चित करें और नियमित किडनी टेस्ट करवाएँ। |
| अत्यधिक तनाव | पूरी और गहरी नींद लें। काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें और अपनी लाइफस्टाइल (खानपान) को नियंत्रित रखें। |
कमाई ज़रूरी है लेकिन अपनी सेहत की कीमत पर नहीं। गर्मी, केमिकल और तनाव से अपनी किडनी को बचाना आपकी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।


