Cancer Survival Rate: जानें कितने साल तक जीवित रह सकते हैं कैंसर से पीड़ित व्यक्ति? डॉक्टर ने बताई आपकी बचे सालों की हकीकत
punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 04:09 PM (IST)
नेशनल डेस्क। कैंसर का नाम सुनते ही मरीज़ और परिवार टूट जाते हैं। लंबा इलाज, दवाओं के साइड इफेक्ट्स और कम होती रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) इंसान को अंदर से कमज़ोर कर देती है। हालांकि क्रिकेटर युवराज सिंह, अभिनेत्रियां सोनाली बेंद्रे, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी जैसे कई नाम हैं जिन्होंने मज़बूत इच्छाशक्ति और हेल्दी लाइफस्टाइल से इस बीमारी को हराया और आज एक सामान्य जीवन जी रहे हैं। यह जानना ज़रूरी है कि कैंसर के बाद व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है। सोनीपत के एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राकेश अग्रवाल ने बताया कि यह पूरी तरह से कैंसर की स्टेज, प्रकार, मरीज़ की उम्र और इलाज की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।

कैंसर के बाद सर्वाइवल रेट क्या है?
डॉक्टर अग्रवाल के अनुसार कैंसर सर्वाइवल को आमतौर पर 'फाइव-ईयर सर्वाइवल रेट' (Five-Year Survival Rate) के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति सिर्फ 5 साल ही जीवित रहेगा। इसका मतलब है कि बीमारी का पता लगने के बाद कम से कम 5 साल तक जीवित रहने की संभावना कितनी है। कई मरीज़ इस अवधि से बहुत लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं।

विभिन्न प्रकार के कैंसर में जीवित रहने की संभावना
जीवित रहने की यह अवधि कैंसर के प्रकार पर बहुत निर्भर करती है:
| कैंसर का प्रकार | 5-साल सर्वाइवल रेट (औसत) | स्थिति |
| टेस्टिकुलर कैंसर | 90% से अधिक | बहुत अधिक |
| थायरॉइड कैंसर | 90% से अधिक | बहुत अधिक |
| स्किन मेलानोमा | 90% से अधिक | बहुत अधिक |
| पैंक्रियास (अग्न्याशय) कैंसर | 10–15% | कम |
| ब्रेन कैंसर | 10–15% | कम |
| लिवर कैंसर | 10–15% | कम |
शुरुआती स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर में 5 साल तक जीवित रहने की संभावना 90% से अधिक हो सकती है जबकि अगर यही डायग्नोसिस देर से (लेट स्टेज) हो तो यह संभावना काफी कम हो सकती है।

किन बातों पर निर्भर करता है व्यक्ति का जीवनकाल?
किसी कैंसर मरीज़ का जीवनकाल कई व्यक्तिगत कारकों पर निर्भर करता है जिसे डॉक्टर ही सबसे बेहतर तरीके से बता सकते हैं:
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कैंसर की स्टेज: कैंसर का पता किस स्टेज पर चला (Early या Late)। जल्दी डायग्नोसिस (Early Diagnosis) और सही इलाज से सर्वाइवल रेट काफी बढ़ सकती है।
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प्रकार और विशेषताएं: कैंसर किस अंग या ऊतक का है और उसकी जैविकीय विशेषताएं (Biological Characteristics) कैसी हैं।
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मरीज़ की सेहत: व्यक्ति की उम्र, आहार, अन्य बीमारियां (ओवरऑल हेल्थ)।
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इलाज का रिस्पॉन्स: मरीज इलाज के तरीके (ट्रीटमेंट) पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है।
डॉक्टर अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि सामान्य आंकड़े हर किसी पर लागू नहीं होते हैं। मरीज़ को अपनी विशेष स्थिति और ट्रीटमेंट रिस्पॉन्स के बारे में अपने डॉक्टर से ही बात करनी चाहिए।
