SCO Summit में मोदी-पुतिन और जिनपिंग की दिखी खास बांडिंग, PM मोदी की हंसी और तिकड़ी के हाव-भाव ने उड़ाए ट्रंप के होश (Video)
punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 04:41 PM (IST)

International Desk: शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit 2025 ) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक सुर्खियों में रही। इस बीच अचानक कैमरों में ऐसा दृश्य कैद हुआ जिसने माहौल बदल दिया। कुछ अफसर तेजी से उठकर बाहर की ओर भागते दिखे।
मोदी-पुतिन की घनिष्ठता पर दुनिया की नजर
सम्मेलन के दौरान मोदी और पुतिन कई बार बातचीत करते और सहजता से मिलते नजर आए। इतना ही नहीं, पुतिन ने मोदी का हाथ थामकर एकजुटता का प्रदर्शन भी किया। यह कदम वैश्विक राजनीति में भारत-रूस की मजबूत भागीदारी का प्रतीक माना जा रहा है। पश्चिमी मीडिया ने इसे अमेरिका और यूरोप के लिए चुनौतीपूर्ण संदेश बताया है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं।
#VideoOfTheDay
🇷🇺🇮🇳🇨🇳 President of Russia Vladimir Putin, Prime Minister of India Narendra Modi, and President of China Xi Jinping just before the start of the #SCO Summit
📹 © https://t.co/1iwVtSG6SN pic.twitter.com/o1rqQWYhT7
— MFA Russia 🇷🇺 (@mfa_russia) September 1, 2025
मोदी-पुतिन-जिनपिंग की तिकड़ी दुनिया के लिए नया संकेत
मोदी और पुतिन के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मंच पर मौजूद रहे। तीनों नेताओं का साथ खड़ा होना, वैश्विक व्यवस्था में एक नए शक्ति संतुलन का संकेत माना गया। चीनी मीडिया ने इसे “ग्लोबल साउथ की एकता” कहा। पश्चिमी विशेषज्ञों ने इसे *“पश्चिमी वर्चस्व को चुनौती” करार दिया।
अमेरिका-भारत रिश्तों में तनाव का साया
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25% पारस्परिक शुल्क और रूस से तेल आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया था। इससे भारत पर कुल 50% टैरिफ का बोझ पड़ा, जो दुनिया में सबसे ऊँचा माना जा रहा है। भारत ने इन शुल्कों को “अनुचित और विवेकहीन” बताया है। भारत ने कहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद पूरी तरह राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों पर आधारित है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिए, जिसके बाद रूस भारत का सबसे बड़ा ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बन गया। यही वजह है कि भारत ने रूसी तेल आयात का बचाव करते हुए कहा कि यह उसकी आर्थिक सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।
SCO सम्मेलन में चीन ने पेश किया नया एजेंडा
इस शिखर सम्मेलन में चीन ने नया एजेंडा पेश किया, जिसमें डॉलर पर निर्भरता घटाने की बात कही गई। SCO बैंक और एआई सहयोग की योजना रखी गई। और सबसे अहम अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देने वाली बहुध्रुवीय (Multipolar) व्यवस्था की वकालत की गई। जहाँ एक ओर मोदी, पुतिन और शी की नजदीकियों ने वैश्विक राजनीति में नई समीकरणों का संकेत दिया, वहीं अचानक कैमरों में कैद हुआ "भागते अफसरों" का दृश्य चर्चा का विषय बन गया। भले ही इसका आधिकारिक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने SCO शिखर सम्मेलन के घटनाक्रम को और रोचक बना दिया।