'जब 2010 में कांग्रेस बिल लेकर आई, तब क्यों नहीं आया OBC को आरक्षण का ख्याल'...अनुप्रिया पटेल ने उठाए सवाल

punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2023 - 02:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लोकसभा में लगातार तीन घंटे से महिला आरक्षण बिल पर चर्चा जारी है। सत्ता पक्ष विपक्ष पर और विपक्ष सत्ता पक्ष पर सवाल उठा रहा है। हालांकि विपक्ष ने इस बिल का समर्थन किया है लेकिन फिर भी इस पर बहस हो रही है। लोकसभा में अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि महिला आरक्षण बिल समय की जरूरत है, कई छोटे देशों ने महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित कर ली है।

 

उन्होंने कहा कि ये कोई नया बिल नहीं है, इसका इतिहास 27 साल पुराना है। विपक्ष पिछड़ी जाति से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करने की मांग कर रहा है लेकिन ऐसा संभव नहीं है, हमने अच्छी शुरुआत की है। अनुप्रिया ने कहा कि विपक्ष का कहना है कि 2024 चुनाव को देखकर भाजपा ये बिल लेकर आई है, अगर ये बिल नहीं लाया जाता तो विपक्ष कहता की सरकार महिलाओं के हित के बारे में सोचती नहीं है। 

 

असफल रही थी UPA सरकार

यह दुख की बात है कि यूएई और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने अपने लोकतंत्र में महिलाओं की आबादी 50% तक सुनिश्चित कर ली है ऐसे में ये कदम उस दिशा में काफी अहम है। पंचायती राज में महिलाओं को भागीदारी मिली, तो महिलाओं ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करके दिखाया है। लोकतंत्र में महिलाओं को आगे लाना बहुत जरूरी है. ये बिल नया नहीं है, ये पुराना है. इसका इतिहास काफी पुराना है. सबसे पहले एचडी देवेगौड़ा की सरकार इसे लेकर आई थी, इसके बाद कई सरकारों ने प्रयास किया. 2003 में अटल जी की सरकार ने इसे लाने का प्रयास किया।

 

2010 में भी UPA सरकार ने इसे लाने की कोशिश की लेकिन असफलता मिली। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में ओबीसी के हितों को साधने के लिए कई अहम फैसले हुए हैं। मुझे सहयोगी दलों के नाते भरोसा है कि पिछड़ी महिलाओं के हितों का ध्यान पीएम मोदी जरूर रखेंगे, मेरे मन में जिज्ञासा है कि 2010 में कांग्रेस ने इस बिल को पास कराया गया था, तब ओबीसी को आरक्षण का मुद्दा इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया था, अब मोदी सरकार इस बिल को लेकर आई है, तो क्या ये ओबीसी को लेकर आपका ख्याल आया।


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Content Writer

Seema Sharma

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