महिलाएं ध्यान दें... Periods के दौरान सिर्फ इतनी ब्लीडिंग होना है सामान्य, अगर ज्यादा हो रही तो है खतरे की घंटी
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 04:28 PM (IST)
नेशनल डेस्क : पीरियड्स महिलाओं के शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो मासिक चक्र के दौरान गर्भाशय की अंदरूनी परत टूटने पर होती है। आम तौर पर मासिक चक्र 21 से 35 दिनों के बीच रहता है। इस दौरान कई महिलाओं को चिंता होती है कि कहीं ब्लीडिंग ज्यादा तो नहीं हो रही। ऐसे में सही जानकारी होना महत्वपूर्ण है।
सामान्य ब्लीडिंग कितनी होती है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, महिलाओं में पीरियड्स के दौरान औसतन 30 से 40 मिलीलीटर तक ब्लीडिंग होती है। कुछ रिसर्च बताती हैं कि यह मात्रा 60 मिलीलीटर तक भी हो सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि पीरियड्स में सिर्फ खून नहीं निकलता, बल्कि उसमें म्यूकस, गर्भाशय की परत और अन्य टिश्यू भी शामिल होते हैं। इसलिए ब्लीडिंग ज्यादा दिखती है। औसतन इसमें 36% खून और 64% अन्य तत्व होते हैं।
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खून की मात्रा का अंदाजा कैसे लगाएं?
मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करने वाली महिलाओं के लिए यह पता लगाना आसान होता है। उदाहरण के लिए, अगर कप में 120 मिलीलीटर फ्लूइड इकट्ठा हुआ है, तो रिसर्च के हिसाब से उसमें सिर्फ लगभग 43 मिलीलीटर खून होता है।
पैड या टैम्पॉन में मात्रा तय करना कठिन होता है, लेकिन -
- पैड कितनी जल्दी भर रहा है
- बदलने की फ्रीक्वेंसी
- टैम्पॉन कितनी देर में सैचुरेट हो रहा है, इनसे अंदाजा लगाया जा सकता है।
हैवी ब्लीडिंग कब मानी जाती है?
अगर पीरियड्स के दौरान 60 मिलीलीटर या उससे ज्यादा ब्लड निकल रहा हो, तो इसे हैवी ब्लीडिंग माना जा सकता है। कुछ रिपोर्ट इसे 80 मिलीलीटर तक भी बताती हैं।
निम्न स्थितियों में यह हैवी ब्लीडिंग का संकेत है -
- हर एक घंटे में पैड या टैम्पॉन बदलना पड़े
- बहुत बड़े थक्के (क्लॉट्स) आना
- ब्लीडिंग 7 दिनों से ज्यादा चलना
हैवी ब्लीडिंग पर ध्यान देना क्यों ज़रूरी है?
अधिक ब्लीडिंग के कारण -
- आयरन की कमी
- अत्यधिक थकान
- सांस फूलना
- कमजोरी
जैसे लक्षण हो सकते हैं। अगर ये समस्याएं लगातार बनी रहें, तो यह किसी अंदरूनी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
