इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को लिवर की बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Sunday, Nov 30, 2025 - 05:56 PM (IST)
नेशनल डेस्क: हम अक्सर अपने ब्लड ग्रुप को केवल ब्लड ट्रांसफ्यूजन या डोनर मैचिंग तक ही सीमित समझते हैं, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि आपका ब्लड ग्रुप आपके लिवर की सेहत का संकेत भी दे सकता है। यानी ब्लड टाइप यह बता सकता है कि आपको भविष्य में गंभीर लिवर की बीमारी होने का कितना खतरा है।
कौन से ब्लड ग्रुप वालों को खतरा ज्यादा?
जर्नल Frontiers में पब्लिश हुई रिसर्च के अनुसार, ब्लड ग्रुप A वाले लोगों में ऑटोइम्यून लिवर डिजीज का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया। ऑटोइम्यून लिवर डिजीज में शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से लिवर पर हमला करती है, जिससे लिवर डैमेज हो सकता है। गंभीर मामलों में यह बीमारी लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर और लिवर फेलियर तक पहुंच सकती है।
कौन से ब्लड ग्रुप वालों को खतरा कम?
रिसर्च में पाया गया कि ब्लड ग्रुप B वाले लोगों में लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा अपेक्षाकृत कम है।
ऑटोइम्यून लिवर डिजीज क्या है?
➤ ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (AIH): इम्यून सिस्टम खुद लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
➤ प्राइमरी बाइलियरी कोलांगाइटिस (PBC): लिवर के बाइल डक्ट्स धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं।
ब्लड ग्रुप कैसे प्रभावित करता है लिवर?
वैज्ञानिकों का मानना है कि नॉन-O ब्लड ग्रुप (A, B, AB) वाले लोगों के खून में कुछ क्लॉटिंग फैक्टर्स अधिक सक्रिय होते हैं। यह लिवर में ब्लड फ्लो को प्रभावित कर सकता है।
➤ खासकर वॉन विलेब्रांड फैक्टर नाम का प्रोटीन नॉन-O ग्रुप वालों में थोड़ा ज्यादा पाया गया है।
➤ यह फैक्टर लिवर डिजीज वाले लोगों में जोखिम बढ़ाने का छोटा कारण बन सकता है।
रिसर्च का पाया गया
➤ ब्लड ग्रुप A: ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का खतरा अधिक
➤ ब्लड ग्रुप B: प्राइमरी बाइलियरी कोलांगाइटिस का खतरा थोड़ा कम
क्या करें सावधान रहने के लिए?
यदि आपका ब्लड ग्रुप A या B है और परिवार में किसी को लिवर की बीमारी रही है, तो रूटीन लिवर टेस्ट और नियमित डॉक्टर चेकअप जरूरी है। समय पर टेस्ट कराने से गंभीर बीमारी को जल्दी पहचानकर इलाज शुरू किया जा सकता है।
