क्या अब CM भी गिरफ्तारी के बाद पद पर नहीं रह सकेंगे? कल लोकसभा में आएगा बिल
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 11:54 PM (IST)

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिनों में केंद्र सरकार बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। गृहमंत्री अमित शाह 20 अगस्त को लोकसभा में चार बड़े बिल पेश करने वाले हैं, जिनमें तीन बिल राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी और हिरासत से जुड़े हैं, जबकि चौथा बिल ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त बैन लगाने से जुड़ा है।
कौन-कौन से बिल पेश होंगे?
1. राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी पर रोक से जुड़े तीन संशोधन बिल
इन तीन बिलों का मकसद है –
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गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए नेताओं को उनके पद से हटाना अनिवार्य बनाना।
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संविधान की गरिमा और नैतिकता बनाए रखना।
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यह तय करना कि गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे मंत्री या जनप्रतिनिधि जनता का भरोसा कमजोर न करें।
बिल में कहा गया है –"कोई मंत्री यदि गंभीर अपराधों के आरोपों का सामना कर रहा हो, तो वो संविधान की नैतिकता को नुकसान पहुंचा सकता है।"
इन बिलों को पेश करने के बाद सरकार इन तीनों को संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee) के पास भेजने का प्रस्ताव लाएगी, ताकि इन पर और गहराई से चर्चा की जा सके।
2. ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन बिल, 2025
इस बिल का उद्देश्य है:
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पैसे के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम (Real Money Games) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।
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नशे की लत और अवैध गतिविधियों को रोकना।
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बैंक और वित्तीय संस्थानों को ऐसे ट्रांजेक्शन से रोकना।
बिल के तहत:
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ऐसे गेम्स चलाने या प्रचार करने वालों को 3 साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान।
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सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अगर इन गेम्स का प्रचार करेंगे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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वहीं, ई-स्पोर्ट्स और मनोरंजन वाले गेम्स को बढ़ावा देने की बात कही गई है।
क्यों उठ रहा है विरोध?
राजनीतिक बिलों पर सवाल:
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का आरोप है कि इन बिलों का मकसद विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर चुनाव से पहले सरकार गिराना है, जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती। गौरव गोगोई ने कहा कि ये बिल राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा से ध्यान भटकाने की कोशिश हैं।
ऑनलाइन गेमिंग पर इंडस्ट्री की चिंता:
यह सेक्टर हर साल हज़ारों करोड़ रुपये का कारोबार करता है और लाखों लोगों को रोजगार देता है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बैन से भारतीय यूज़र्स विदेशी वेबसाइटों पर शिफ्ट हो सकते हैं, जिससे सरकार का रेगुलेशन कमजोर होगा। साथ ही, इस बिल को लाने से पहले उद्योग से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया गया, जिससे असंतोष बढ़ा है।
आगे क्या?
20 अगस्त को बिल लोकसभा में पेश होंगे, और फिर इन पर चर्चा और समिति को भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। 21 अगस्त तक सत्र जारी रहेगा, जहां बाकी बचे मुद्दों और बिलों पर चर्चा होगी। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर भी विशेष चर्चा होगी, और यह कैसे 2047 तक "विकसित भारत" के सपने को साकार करने में मदद करेगा, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा।