Childbirth In Space: अंतरिक्ष में पैदा होने वाला बच्चा इंसान जैसा दिखेगा या फिर एलियन की तरह? वैज्ञानिकों ने जताई आशंका
punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क। वैज्ञानिक लगातार चांद और मंगल पर मानव कॉलोनियां (बस्तियां) बनाने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या अंतरिक्ष में बच्चों का जन्म संभव है और अगर हां तो गुरुत्वाकर्षण (Gravity) की कमी (माइक्रो ग्रेविटी) उनके शरीर की बनावट पर कैसा असर डालेगी? विशेषज्ञों के अनुसार अंतरिक्ष में पैदा होने वाले बच्चे आज के इंसानों से काफी अलग दिख सकते हैं लेकिन वे एलियन नहीं बल्कि विकसित मानव ही होंगे।
अंतरिक्ष में प्रसव की चुनौतियां
अंतरिक्ष में बच्चे को जन्म देना कई मायनों में धरती से बेहद अलग और जोखिम भरा होगा:
हड्डियों का ढांचा और जन्म प्रक्रिया
बोन डेंसिटी में कमी: माइक्रो ग्रेविटी के कारण अंतरिक्ष यात्री सिर्फ 6 महीने में अपनी 12% बोन डेंसिटी खो देते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बेहद खतरनाक होगा।
जोखिम: डिलीवरी के दौरान पेल्विक फ्लोर पर काफी दबाव पड़ता है। कमजोर हड्डियों के कारण डिलीवरी के समय हड्डियां टूट सकती हैं और आंतरिक रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) का खतरा होगा।
नेचुरल डिलीवरी असंभव: वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में माँ के बर्थ कनाल के जरिए नेचुरल डिलीवरी संभव ही नहीं होगी। इस वजह से बच्चों का जन्म केवल सी-सेक्शन (C-Section) से ही हो पाएगा।
कैसा होगा 'स्पेस बेबी' का शारीरिक आकार?
गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति बच्चों के विकास को पूरी तरह बदल देगी जिससे उनका शरीर धरती पर पैदा होने वाले बच्चों से अलग होगा:
सिर का आकार: स्पेस में पैदा होने वाले बच्चों का सिर बड़ा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सी-सेक्शन से जन्म लेने पर बच्चे का सिर उतना संकरा नहीं होता जितना मां के बर्थ कनाल के जरिए जन्म लेने पर होता है।
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मांसपेशियों का विकास (Muscle Development): बिना ग्रेविटी के बच्चों को खड़े होने या चलने के लिए मज़बूत पैरों और पीठ की मांसपेशियों की ज़रूरत नहीं होगी।
कमज़ोर निचला शरीर: उनके शरीर का निचला हिस्सा कमजोर हो सकता है।
मज़बूत ऊपरी शरीर: उनका ऊपरी हिस्सा (हाथ और कंधे) अधिक मज़बूत हो सकता है क्योंकि स्पेस में तैरने और खुद को इधर-उधर ले जाने के लिए हाथों का इस्तेमाल ही ज्यादा होगा।
त्वचा और रंग
मेलेनिन की कमी: धरती पर सूर्य की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों से बचाव के लिए त्वचा में मेलेनिन बनता है। अंतरिक्ष में कॉस्मिक किरणों से बचने के लिए गर्भवती महिला को यान के अंदर ही रहना होगा।
अत्यधिक गोरा रंग: इस वजह से शिशु के शरीर में मेलेनिन का उत्पादन बहुत कम या नहीं होगा और उसका रंग एकदम हल्का या बहुत गोरा हो सकता है।
क्या अंतरिक्ष के बच्चे एलियन जैसे दिखेंगे?
पीढ़ी दर पीढ़ी इन शारीरिक परिवर्तनों के विकसित होने पर बच्चों में ऐसे लक्षण उभर सकते हैं जिन्हें हम 'एलियन' से जोड़ते हैं।
संभावित लक्षण: बड़ा सिर, पतली हड्डियां, अत्यधिक गोरी त्वचा और कमज़ोर निचला शरीर।
फिलहाल वैज्ञानिक स्पष्ट करते हैं कि वे अभी भी इंसान ही होंगे लेकिन स्पेस के वातावरण की वजह से उनका बाहरी रूप धरती पर पैदा हुए बच्चों से काफी अलग दिखाई दे सकता है। यह मानव शरीर का वातावरण के अनुसार ढलना (Evolution) होगा।