भारत ने पकड़ी 'स्पेस रेस' में रफ्तार! 2035 तक बनेगा स्टेशन, सरकार का ये है मेगा प्लान

punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 09:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत अब केवल धरती पर ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत को स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जिसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक साख पर पड़ेगा। अगले एक दशक के भीतर भारत न केवल अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा, बल्कि चंद्रमा की सतह पर भी भारतीय कदम पड़ेंगे। यह पूरी योजना उस बड़े दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसके तहत 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

निजी कंपनियों की भागीदारी से बदलेगी तस्वीर
केंद्रीय अंतरिक्ष विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि भारत की स्पेस इकोनॉमी अब बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि जब तक यह क्षेत्र पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में था, इसकी आर्थिक क्षमता सीमित थी। लेकिन इसे निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए खोलने के बाद यह उद्योग लगभग 8 अरब डॉलर तक पहुँच गया है।

तेजी से बढ़ेगी भारत की स्पेस इकोनॉमी
सरकार का अनुमान है कि वर्तमान विकास दर के अनुसार अगले 8 से 10 वर्षों में भारत की स्पेस इकोनॉमी 40 से 45 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। इसमें सबसे बड़ा योगदान 400 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स का होगा, जो केवल सपने नहीं देख रहे हैं, बल्कि सैटेलाइट निर्माण, उनके प्रक्षेपण और अंतरिक्ष डेटा विश्लेषण जैसी जटिल तकनीकों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ पहले ही कह चुके हैं कि भारत का लक्ष्य अगले दशक में वैश्विक कमर्शियल स्पेस मार्केट में अपनी हिस्सेदारी को 2% से बढ़ाकर 8-10% तक पहुंचाना है।

2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन
योजना के अनुसार, वर्ष 2035 तक भारत के पास अपना खुद का भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन होगा। इसके ठीक पांच वर्ष बाद, यानी 2040 तक, एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भारत को चीन जैसे देशों के साथ इस अंतरिक्ष दौड़ में पीछे नहीं रहना है। चीन पहले ही अपना अंतरिक्ष स्टेशन बना चुका है और 2030 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की तैयारी में है। भारत ने अपनी गति बढ़ा दी है। 2023 में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान उतारकर वैश्विक स्तर पर अपनी तकनीकी क्षमता साबित की थी। इसके साथ ही इसरो 2027 की शुरुआत में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ लॉन्च करने की तैयारी में है।

इनवेस्टमेंट और इनोवेशन पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीप-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता देते हुए हाल ही में 1 लाख करोड़ रुपये (लगभग 11.1 अरब डॉलर) का निवेश फंड घोषित किया है। यह फंड उन प्रोजेक्ट्स के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जो ‘टेक्नोलॉजी रेडिनेस लेवल 4’ या उससे ऊपर के हैं। इसका उद्देश्य रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा देना और भारत की अंतरिक्ष एवं तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत करना है।


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Content Editor

Shubham Anand

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