RIP Ratan Tata: जब एक बड़ी कंपनी से रतन टाटा को मिला नौकरी का ऑफर, लेकिन ठुकरा दिया था
punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 12:49 PM (IST)
नई दिल्ली। बुधवार देर रात रतन टाटा का निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है। रतन टाटा केवल एक सफल उद्योगपति नहीं थे, बल्कि उन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उसे वैश्विक पहचान दिलाई। आज हम उनकी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण किस्सा शेयर करेंगे, जब उन्हें एक बड़ी कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया।
रतन टाटा को एक सफल बिजनेसमैन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान वे अमेरिका में रहने का सोच रहे थे, लेकिन जब उनकी दादी, लेडी नवाजबाई की तबीयत खराब हुई, तो उन्हें भारत लौटना पड़ा।
इस कंपनी से मिला था ऑफर
जब रतन टाटा भारत लौटे, तब उन्हें IBM में नौकरी का प्रस्ताव मिला। लेकिन टाटा ग्रुप के उस समय के चेयरमैन जेआरडी टाटा को इस बात की जानकारी मिली। उन्होंने रतन को फोन किया और कहा कि वे भारत में रहकर IBM के लिए काम नहीं कर सकते। इसके बाद जेआरडी टाटा ने रतन से कहा कि वे अपना बायोडाटा टाटा ग्रुप के लिए भेजें।
रतन टाटा ने 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज जॉइन की। टाटा परिवार के सदस्य होने के बावजूद, उन्होंने अपनी मेहनत से सभी काम किए। उन्होंने टाटा मोटर्स से अपने करियर की शुरुआत की और 1963 में टाटा स्टील में तकनीकी अधिकारी के रूप में काम करना शुरू किया। 1965 तक, उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग में कार्य किया और विभिन्न पदों पर रहते हुए कंपनी को आगे बढ़ाया।
1991 में, रतन टाटा ने टाटा संस और टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला। उन्होंने 21 वर्षों तक समूह का नेतृत्व किया और इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में टेटली टी, जगुआर लैंड रोवर, और कोरस जैसी बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण हुआ।