Meghalaya: जब PM मोदी ने शिलॉन्ग में किया फुटबॉल और पोप का जिक्र
punjabkesari.in Monday, Dec 19, 2022 - 10:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पूर्व के स्कॉटलैंड के नाम से मशहूर मेघालय की खूबसूरत राजधानी शिलॉन्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फुटबॉल प्रेमियों और चर्च के अनुयायियों से भावनात्मक तारतम्य स्थापित किया तो उन्हें तालियों के रूप में गर्मजोशी भरा जवाब मिला। पीएम मोदी ने शिलॉन्ग में रविवार को पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की स्वर्ण जयंती बैठक के बाद एक जनसभा को संबोधित किया।
इस मौके पर मेघालय के राज्यपाल ब्रिगेडियर बी डी मिश्रा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, केन्द्रीय राज्य मंत्री बी एल वर्मा, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और सिक्किम मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग उपस्थित थे।
जब फीफा का किया जिक्र
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत फुटबाल विश्व कप टूर्नामेंट के साथ की। उन्होंने कहा, ‘‘ये संयोग ही है कि आज जब फुटबॉल वर्ल्ड कप का फाइनल हो रहा है, तब मैं यहां फुटबॉल के मैदान में ही फुटबॉल प्रेमियों के बीच में हूं। उस तरफ फुटबॉल की स्पर्धा चल रही है और हम फुटबॉल के मैदान में विकास की स्पर्धा कर रहे है। मुझे ऐहसास है कि मैच कतर में हो रहा है, लेकिन उत्साह और उमंग यहां भी कम नहीं है। और साथियों जब फुटबॉल के मैदान में हूं और फुटबॉल फीवर चारों तरफ है तो क्यों न हम फुटबॉल की भाषा में ही बात करें, फुटबॉल के उदाहरण से ही बात करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम सबको मालूम है कि फुटबॉल में अगर कोई खेल भावना के विरूद्ध अगर कोई भी व्यवहार करता है। तो उसे रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया जाता है। इसी तरह पिछले 8 वर्षों में हमने नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़ी अनेक रुकावटों को रेड कार्ड दिखा दिया है।
पीएम मोदी ने शिलॉन्ग में ईसाई समुदाय की धार्मिक संवेदनाओं को स्पर्श करते हुए कहा, ‘‘पिछले साल मुझे वेटिकन सिटी जाने का अवसर मिला, जहां मेरी मुलाकात परम पावन पोप फ्रांसिस से हुई। मैंने उन्हें भारत आने का न्यौता भी दिया है। इस मुलाकात ने मेरे मन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। हम दोनों ने उन चुनौतियों पर चर्चा की, जिनसे आज पूरी मानवता जूझ रही है। एकता और समरसता की भावना से कैसे सबका कल्याण हो सकता है, इस पर एकजुट प्रयासों के लिए सहमति बनी। इसी भाव को हमें सशक्त करना है।'
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