PM मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से की बातचीत, क्षेत्र में तनाव कम करने की अपील की
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 04:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क : मध्य-पूर्व में जारी ईरान और इज़राइल के बीच तनाव अब और गंभीर हो गया है। अब अमेरिका भी इस संघर्ष में कूद पड़ा है। अमेरिकी वायुसेना के बी-2 बॉम्बर विमानों ने बीती रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बड़े स्तर पर हवाई हमले किए। इस हमले के बाद पूरे इलाके में तनाव और बढ़ गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई चिंता, की ईरानी राष्ट्रपति से बातचीत
इस घटनाक्रम के कुछ घंटे बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत की जानकारी खुद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के ज़रिए साझा की।
पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से मेरी बातचीत हुई। हमने मौजूदा हालात पर विस्तृत चर्चा की। मैंने सैन्य संघर्ष को लेकर अपनी गहरी चिंता जाहिर की और तनाव कम करने के लिए तुरंत संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाने की अपील की। साथ ही, क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली की मांग की।'
भारत का यह रुख बताता है कि वह इस संकट को गंभीरता से ले रहा है और शांति की दिशा में कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता दे रहा है।
ईरान ने अमेरिका के हमलों की कड़ी निंदा की
ईरान ने अमेरिकी हमलों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर (UN Charter) और परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty) का गंभीर उल्लंघन बताया।
एक कड़े बयान में अराघची ने कहा, 'आज सुबह की घटनाएं उकसाने वाली हैं और इसके गंभीर व दीर्घकालिक परिणाम होंगे। अमेरिका ने शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर आपराधिक व्यवहार किया है। हर संयुक्त राष्ट्र सदस्य को इस खतरनाक, अराजक और गैर-कानूनी हरकत पर चिंता जतानी चाहिए।' अराघची ने यह भी कहा कि ईरान आत्मरक्षा के अपने अधिकार के तहत सभी विकल्प खुले रखता है।
ईरान का यूएन और IAEA से कड़ा रुख, अमेरिका-इज़राइल पर साधा निशाना
ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका के इन हमलों की कड़ी निंदा की और इसे देश की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया। मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। तेहरान ने IAEA पर भी आरोप लगाया कि वह 'युद्ध भड़काने वालों' का पक्ष ले रही है। ईरान ने साफ किया कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हरसंभव जवाब देगा। ईरान ने चेतावनी दी कि अमेरिका की कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी से स्थिति और बिगड़ सकती है। साथ ही, ईरान ने अमेरिका पर यह आरोप भी लगाया कि उसने कूटनीतिक प्रक्रिया के दौरान ही युद्ध छेड़ दिया।
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले पर आपातकालीन सत्र बुलाने की अपील करते हुए कहा कि अमेरिका अपने दायरे से बाहर जाकर 'एक नरसंहारकारी और कब्जाधारी शासन' यानी इज़राइल की मदद कर रहा है।