इलेक्शन डायरी: ...जब हरियाणा में भजन लाल ने रातों-रात पूरी सरकार का दल-बदल करवाया

punjabkesari.in Saturday, May 18, 2019 - 09:06 AM (IST)

इलेक्शन डेस्क: आजादी के बाद देश की सियासत ने दल-बदली के कई किस्से देखे हैं लेकिन जो किस्से हरियाणा में सामने आए उन्हें देखकर बड़े-बड़े सियासी पंडितों के आकलन धरे के धरे रह गए। चाहे किस्सा ‘आया राम गया राम’ का हो या भजन लाल का। हरियाणा की सियासत ने दल-बदली में नए आयाम स्थापित किए हैं। देश में आपातकाल के बाद जब चुनाव हुए तो हरियाणा विधानसभा का चुनाव भी हुआ। 
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इसमें कांग्रेस 3 सीटों पर सिमट गई और जनता पार्टी भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई। देवी लाल 21 जून 1977 को राज्य के मुख्यमंत्री बने लेकिन 2 साल बाद ही उन्हें कुर्सी से हटना पड़ा और 22 जून 1979 को भजन लाल राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। इस बीच 1980 में लोकसभा के चुनाव हुए तो इंदिरा गांधी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आईं और राज्यों की गैर-कांग्रेसी सरकारों को भंग करने का सिलसिला शुरू हो गया।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री भजन लाल को जब राज्य की सरकार भंग करके राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की भनक लगी तो उन्होंने रातों-रात अपने समर्थक विधायकों की दल-बदली करवा कर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समक्ष पेश कर दिया। देश में यह पहला मौका था जब पूरी की पूरी सरकार का दल-बदल हो गया। मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट कांग्रेस में शामिल हो गई और बैठे-बिठाए हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनी और भजन लाल 22 जून 1980 से 5 जुलाई 1985 तक कांग्रेस के सी.एम. रहे। उसके बाद कांग्रेस चुनाव जीती और बंसी लाल राज्य के सी.एम. बने।   


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Pardeep

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