क्या है ये BHISHM Cube, जिसे PM मोदी ने यूक्रेन दौरे पर जेलेंस्की को किया गिफ्ट ?
punjabkesari.in Sunday, Aug 25, 2024 - 03:08 PM (IST)
नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 23 अगस्त को अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, पीएम मोदी ने यूक्रेन सरकार को चार भीष्म क्यूब्स भेंट किए। इस भीष्म क्यूब्स, जिनका पूरा नाम "भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल" है, भारत की चिकित्सा सहायता और सहयोग की भावना को दर्शाते हैं। ये क्यूब्स विशेष रूप से आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और इनमें सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरण और दवाइयाँ शामिल हैं।प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता का प्रतीक है, जो वर्तमान संघर्ष और संकट की स्थितियों में चिकित्सा राहत प्रदान करेगी।
भीष्म क्यूब्स एक स्वास्थ्य सहयोग पहल हैं जो विशेष रूप से आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए डिज़ाइन की गई हैं। ये क्यूब्स मेडिकल सामग्री, दवाओं और अन्य स्वास्थ्य संसाधनों से लैस हैं जो युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत सहायता प्रदान करते हैं। यूक्रेन लंबे समय से युद्ध की स्थिति में है और रूसी हमलों का सामना कर रहा है। पुतिन की सेना के खिलाफ संघर्ष के बावजूद, यूक्रेन ने डटकर मुकाबला किया है और अभी तक आत्मसमर्पण नहीं किया है।
भीष्म क्यूब्स की विशेषताएँ
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दवाइयाँ और उपकरण: हर क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के लिए आवश्यक दवाइयाँ और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
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सर्जिकल उपकरण: इसमें बुनियादी ऑपरेशन के लिए सर्जिकल उपकरण भी होते हैं, जो रोजाना 10-15 बुनियादी सर्जरी करने की क्षमता रखते हैं।
आपातकालीन चिकित्सा क्षमता
भीष्म क्यूब्स में विभिन्न आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों जैसे आघात, रक्तस्राव, जलने, हड्डी टूटने आदि के इलाज की क्षमता है। एक क्यूब लगभग 200 मरीजों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकता है, जिससे युद्ध या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल और प्रभावी इलाज सुनिश्चित किया जा सकता है।
भारत की पहल का महत्व
भीष्म क्यूब्स भारत की सहयोग और मित्रता की भावना का प्रतीक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता में भारत की भूमिका को साकार करते हैं। ये क्यूब्स न केवल चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि संकटग्रस्त क्षेत्रों में भारत की सहानुभूति और समर्थन को भी दर्शाते हैं।
युद्ध में भीष्म क्यूब्स का महत्व
युद्ध के दौरान जब मिसाइल हमलों या अन्य युद्धासंबंधी घटनाओं में बड़ी संख्या में सैनिक घायल हो जाते हैं, तो भीष्म क्यूब्स की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। एक भीष्म क्यूब के माध्यम से 200 सैनिकों का प्राथमिक उपचार किया जा सकता है, जिससे उनकी जान बचाने में मदद मिलती है। भीष्म क्यूब्स में ऐसी क्षमताएँ हैं जो दिन में 10-15 बुनियादी सर्जरी करने की सुविधा प्रदान करती हैं। इस प्रकार, ये क्यूब्स युद्ध या आपदा की स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराते हैं, जो घायलों की जान बचाने के लिए बेहद जरूरी होती है।
तात्कालिक उपचार की आवश्यकता
युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में सैनिकों और नागरिकों को घायल होने की संभावना रहती है। इन घायलों को तुरंत चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है, और भीष्म क्यूब्स इस जरूरत को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन क्यूब्स के माध्यम से तत्काल और प्रभावी उपचार सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे घायल व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। भीष्म क्यूब्स इस प्रकार के आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों में अत्यंत उपयोगी उपकरण हैं, जो युद्ध के दौरान घायल व्यक्तियों को त्वरित और प्रभावी इलाज प्रदान करते हैं।
आसानी से लाया और ले जाया जा सकता है
भीष्म क्यूब्स को एक ऐसे मजबूत और समायोज्य ढांचे पर रखा जाता है, जो विभिन्न परिवहन तरीकों के माध्यम से आसानी से लाया और ले जाया जा सकता है। यह ढांचा वायु, समुद्र, भूमि, और ड्रोन के जरिए उपयोग में लाया जा सकता है।भीष्म क्यूब्स की डिजाइन इस प्रकार की गई है कि मिनी क्यूब्स को एक व्यक्ति भी आसानी से ले जा सकता है, क्योंकि उनका अधिकतम वजन 20 किलोग्राम होता है।भीष्म क्यूब्स में सीमित मात्रा में बिजली और ऑक्सीजन उत्पन्न करने की व्यवस्था भी होती है, जो आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों में सहायक होती है।
भारतीय टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा...
यूक्रेन की चिकित्सा टीम को भीष्म क्यूब के संचालन के लिए भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस टीम का उद्देश्य यूक्रेन के सैनिकों को क्यूब का प्रभावी ढंग से उपयोग करना सिखाना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से, युद्ध के दौरान होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। भीष्म क्यूब्स की त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सहायता क्षमता, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में घायलों को जीवनदायिनी इलाज प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।