क्या है पेगासस सॉफ्टवेयर, जो कर सकता है पूरी दुनिया पर जासूसी

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 10:46 PM (IST)

नई दिल्लीः रविवार देर शाम 'वॉशिंगटन पोस्ट' और भारत में समाचार वेबसाइट 'द वायर' ने एक ख़बर प्रकाशित कर दावा किया कि दुनियाभर के कई पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए। हालांकि पेगासस नाम के जिस स्पाईवेयर से फ़ोन हैक करने की बात सामने आ रही है उसे तैयार करने वाली कंपनी एनएसओ ने तमाम आरोपों से इनकार किया है। ये कंपनी दावा करती रही है कि वो इस प्रोग्राम को केवल 'जांची-परखी गई सरकारों' को बेचती है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत में पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन भी इसराइल में निर्मित इस सॉफ्टवेयर के जरिए हैक किए गए और उनकी निगरानी की गई। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि 'पेगासस' आखिर क्या है और ये कैसे काम करता है?

पेगासस क्या है?
ये एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है जिसे इसराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है। इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। इसे टारगेट के फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर उसके फोन का रीमोट कंट्रोल ले लिया जाता है। ये रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह काम करता है।

यरूशलम स्थित द इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्यूरिटी स्टडीज से जुड़े साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल गाबी सिबोनी के मुताबिक, "ये कैसे काम करता है इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, ये एक बेहद उन्नत सॉफ्टवेयर है जिसे एनएसओ ने डेवलप किया है।"

इसे बनाने वाली कंपनी एनएसओ का गठन 2009 में हुआ था और ये अति उन्नत निगरानी टूल बनाती है। दुनिया के कई देशों की सरकारें इसकी ग्राहक हैं। एनएसओ का दावा है कि ये सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों या सरकारी एजेंसियों को ही दिया जाता है। सार्वजनिक जानकारी के मुताबिक पनामा और मैक्सिको की सरकार इसका इस्तेमाल करती है।

कंपनी के मुताबिक इसे इस्तेमाल करने वालों में 51 प्रतिशत सरकारी खुफिया एजेंसियां हैं और 38 प्रतिशत क़ानून लागू करवाने वाली एजेंसियां हैं जबकि 11 प्रतिशत सेनाएं हैं। एनएसओ के मुताबिक इसे आतंकवादियों पर नजर रखने और आतंकवादी घटनाओं को रोकने के मकसद से विकसित किया गया है। भारत सरकार इसकी ग्राहक है या नहीं इसकी ना ही पुष्टि की जा सकती है।

गाबी सिबोनी के मुताबिक, "इसराइल में मिलिट्री और सर्विलांस टेक्नॉलॉजी के एक्सपोर्ट को लेकर सख़्त नियम हैं। ये एक्सपोर्ट शर्तों से बंधा होता है, उनका उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जा सकती है।" सिबोनी कहते हैं, "जैसा कि रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इसका इस्तेमाल आम नागरिकों के खिलाफ किया गया है। यदि साबित होता है तो इसराइल सरकार इस पर कार्रवाई कर सकती है।" 

पेगासस फोन को हैक कैसे करता है?
साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर टारगेट को करप्ट मैसेज या फाइल भेजकर डिवाइस हैक किया जाता है। प्रोफेसर हारेल कहते हैं, "इस सॉफ़्टवेयर के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं। लेकिन ये माना जा सकता है कि ये भी फोन को वैसे ही हैक करता होगा जैसे बाकी टूल करते हैं, बस इसका तरीका हो सकता है अति उन्नत हो। कोई ना कोई कमजोरी तो हैकर देखते ही हैं।"

वहीं कर्नल गाबी सिबोनी कहते हैं, "ये कहना मुश्किल है कि ये कैसे काम करता है। ये एनएसओ का बिजनेस सीक्रेट है। साइबर सुरक्षा क्षेत्र से जुड़े शोधकर्ताओं को भी अभी इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है।"

कर्नल गाबी कहते हैं, "लेकिन ये इतना उन्नत है कि टारगेट को पता नहीं चल पाता है कि उसका फोन हैक कर लिया गया है और वो पहले की तरह ही इस्तेमाल करता रहता है।" क्या कोई संकेत होते हैं जिनके जरिए हैकिंग का पता किया जा सकता है, इस पर गाबी कहते हैं, "यदि टारगेट को पता चल जाए कि वो हैक हो गया है तो फिर हैक करने का मतलब ही क्या है।"


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Content Writer

Pardeep

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