सांसें चलती हैं, पर इंसान नहीं! जानिए कोमा में जाने के बाद शरीर में क्या होता है? जानकर रह जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 11:05 AM (IST)

नेशनल डेस्क। हाल ही में सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' का 20 साल कोमा में रहने के बाद निधन हो गया। 15 साल की उम्र में हुए एक दुर्घटना के बाद उन्हें आंतरिक रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) और ब्रेन हेमरेज का सामना करना पड़ा था जिसके चलते वे कोमा में चले गए थे। इस घटना ने एक बार फिर कोमा की स्थिति और उसके दौरान शरीर में होने वाले बदलावों को लेकर लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्या होता है कोमा?

कोमा एक तरह की लंबी और गहरी बेहोशी की हालत है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने आस-पास की किसी भी चीज़ पर न्यूनतम प्रतिक्रिया भी न दे सके और न ही हिल-डुल या चल-फिर सके। इस प्रक्रिया के दौरान इंसान सोता हुआ नज़र आता है लेकिन यह एक ऐसी नींद होती है जो किसी के जगाने से, बिजली के झटके से या फिर सुई चुभोने से भी ठीक नहीं हो सकती।

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कोमा में जाने के कारण और अवधि

कोमा में जाने की मुख्य वजहें कई हो सकती हैं। सबसे आम कारणों में दिमाग पर किसी तरह की कोई गंभीर चोट लगना (जैसे दुर्घटना में) शामिल है। इसके अलावा दिल का दौरा, दिमागी आघात (स्ट्रोक) या फिर शराब के साथ किसी नशीले पदार्थ का सेवन भी इंसान को कोमा में धकेल सकता है।

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आंकड़ों के अनुसार 50% से ज़्यादा कोमा में जाने की वजह दिमाग पर गहरा आघात लगना ही होता है। किसी के कोमा में रहने की अवधि कुछ हफ्तों, महीनों या फिर सालों तक भी हो सकती है। हालाँकि कोई भी मरीज़ कोमा से एकदम से सामान्य अवस्था में नहीं लौट पाता है यह एक धीमी प्रक्रिया होती है।

कोमा के दौरान शरीर में क्या होता है?

कोमा में जाने के बाद व्यक्ति एक तरह से बेहोश हो जाता है और उसका जागना बेहद मुश्किल हो जाता है। उसकी आँखें बंद रहती हैं और वह दर्द या आवाज़ जैसी बाहरी चीज़ों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है। उसकी दिमागी चेतना पूरी तरह से बंद हो जाती है यानी मस्तिष्क सोचने, समझने या प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं होता है।

कोमा में कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। इसके अलावा व्यक्ति को निगलने खांसने जैसी सामान्य क्रियाओं में भी दिक्कत होती है जिसके लिए विशेष मेडिकल सहायता की ज़रूरत पड़ती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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