अंतरिक्ष में नहीं है कोई हॉस्पिटल! जानिए तबीयत खराब होने पर क्या करते हैं एस्ट्रोनॉट्स?

punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 11:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क। अंतरिक्ष एक ऐसी जगह है जहाँ अब इंसानों की पहुँच हो चुकी है। भले ही वहाँ गुरुत्वाकर्षण और ऑक्सीजन नहीं है लेकिन एस्ट्रोनॉट्स अपने मिशन के लिए पूरी सुरक्षा और इंतज़ाम के साथ वहाँ पहुँचते हैं और उन्हें सफलतापूर्वक अंजाम देते हैं। हालाँकि अंतरिक्ष में सब कुछ धरती की तरह आसान नहीं है कि कोई भी ज़रूरत पड़ने पर चीज़ें आसानी से मिल जाएँ। ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि अगर अंतरिक्ष में कोई अंतरिक्ष यात्री बीमार हो जाता है तो क्या होता है? क्या NASA उसे तुरंत वहाँ से धरती पर वापस बुला लेता है या फिर किसी तरह से स्पेस में ही उसका इलाज होता है? चलिए समझते हैं कि अंतरिक्ष में NASA की रेस्क्यू टीम कैसे काम करती है।

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क्या अंतरिक्ष में हो सकते हैं बीमार?

अंतरिक्ष कोई पिकनिक स्पॉट तो है नहीं, और वहाँ भी इंसान ही जाते हैं रोबोट नहीं। ऐसे में कभी न कभी कुछ न कुछ बीमारी तो हो ही सकती है। अंतरिक्ष में रेडिएशन, माइक्रोग्रैविटी और तमाम ऐसी चुनौतियाँ हैं जिनको धरती से बैठकर हम पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं। ऐसे में अंतरिक्ष में यात्रियों को भेजने से पहले NASA उनकी कड़ी ट्रेनिंग कराता है।

अंतरिक्ष में एकदम से माहौल बदलने पर इंसानों को सिरदर्द, उल्टी जैसी हल्की-फुल्की चीज़ें हो सकती हैं। इसके अलावा कोई चोट लगना या फिर हार्ट अटैक या अपेंडिसाइटिस जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है। अगर वहाँ ऐसा हुआ तो इतनी दूरी पर इलाज का सिस्टम पूरी तरह से अलग है।

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अंतरिक्ष में कैसे दी जाती है दवाई?

अंतरिक्ष में एक मिनी हॉस्पिटल जैसा सेटअप मौजूद रहता है जिसको हेल्थ मेंटेनेंस सिस्टम कहा जाता है। इसमें कई सारी दवाइयाँ, बैंडेज, इंजेक्शन और बेसिक टूल्स जैसे कि बीपी, शुगर मॉनिटर की मशीनें, अल्ट्रासाउंड और डेंटल किट तक शामिल होती हैं।

 

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हर एस्ट्रोनॉट को करीब 40 घंटे की मेडिकल ट्रेनिंग दी जाती है जिसके ज़रिए लोग सीखते हैं कि कैसे इंजेक्शन देना है या किसी छोटी चोट का इलाज करना है। वहाँ पर एक-दो क्रू मेंबर्स को क्रू मेडिकल ऑफिसर बनाया जाता है जो थोड़े ज़्यादा ट्रेंड होते हैं। लेकिन अगर बीमारी गंभीर हो जैसे कि हार्ट अटैक या कोई फ्रैक्चर तब क्या होता है?

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NASA का रेस्क्यू मिशन: इमरजेंसी में वापसी तक का पूरा प्लान

अंतरिक्ष में NASA पर कोई सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर तो नहीं होता है लेकिन ह्यूस्टन में मिशन कंट्रोल सेंटर है जहाँ पर 24x7 स्पेस मेडिसिन में स्पेशल ट्रेनिंग वाले डॉक्टर्स मौजूद रहते हैं। ये लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए एस्ट्रोनॉट्स की मदद करते हैं। वे बताते हैं कि मरीज को क्या करना है ऑक्सीजन देना है या फिर दवा देनी है।

अगर इन सबसे भी मदद नहीं मिलती है तो फिर अगला कदम होता है उसको वहाँ से वापस धरती पर लेकर आना यानी इमरजेंसी इवैक्यूएशन (Emergency Evacuation)। ऐसी परिस्थिति में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक या दो स्पेसक्राफ्ट डॉक किए रहते हैं। ये लाइफबोट की तरह काम करते हैं। इमरजेंसी की परिस्थिति में बीमार एस्ट्रोनॉट को इसमें बैठाकर धरती पर लेकर आते हैं। यह पूरा सिस्टम यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि अंतरिक्ष में किसी भी स्वास्थ्य आपातकाल का सामना कुशलता और तेज़ी से किया जा सके।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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