जब अंतरिक्ष में महिला एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स आते हैं तो कैसे करती हैं मैनेज?
punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 06:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क : पीरियड्स हर महिला की ज़िंदगी का एक सामान्य और जरूरी हिस्सा हैं। धरती पर तो महिलाएं इसे मैनेज कर ही लेती हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जो महिलाएं अंतरिक्ष में जाती हैं, वो पीरियड्स के दौरान क्या करती हैं? क्या उन्हें भी स्पेस में पीरियड्स होते हैं? अगर हां, तो वे वहां इसे कैसे संभालती हैं? चलिए जानते हैं इस अनसुनी लेकिन बेहद जरूरी जानकारी के बारे में।
क्या स्पेस में महिलाओं को होते हैं पीरियड्स?
इस सवाल को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों को लगता है कि अंतरिक्ष की अलग परिस्थितियों, जैसे जीरो ग्रैविटी और रेडिएशन की वजह से महिला एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स नहीं होते। लेकिन यह सच नहीं है। स्पेस में भी महिलाओं को पीरियड्स आते हैं, और उन्हें वहां भी इसे मैनेज करना पड़ता है।
हालांकि कई महिला एस्ट्रोनॉट्स इस परेशानी से बचने के लिए कॉंट्रासेप्टिव पिल्स (गर्भनिरोधक गोलियां) का उपयोग करती हैं ताकि पीरियड्स को रोका जा सके। लेकिन ये पिल्स अगर लंबे समय तक ली जाएं तो सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं और भविष्य में गर्भधारण में दिक्कत भी हो सकती है।
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने वाली भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने भी यह स्वीकार किया कि अंतरिक्ष में भी पीरियड्स आते हैं। उनका एक मिशन सिर्फ 8 दिनों का था लेकिन वह 9 महीने तक स्पेस में रहीं, जहां उन्होंने यह अनुभव किया।
स्पेस में महिला एस्ट्रोनॉट्स कितने सैनेटरी पैड्स लेकर जाती हैं?
जब 1963 में वेलेंटीना तेरेश्कोवा पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं, तब से ही यह सवाल उठने लगा कि महिलाओं के लिए स्पेस में क्या तैयारी करनी चाहिए। शुरुआत में नासा ने सोचा था कि एक महिला को हफ्ते भर के लिए 100 से 200 पैड्स की जरूरत होगी। लेकिन बाद में यह आंकड़ा बहुत अधिक निकला और इसे घटा दिया गया। अब महिला एस्ट्रोनॉट्स अपने मिशन की अवधि के अनुसार आवश्यक पैड्स लेकर जाती हैं। इसके अलावा उन्हें खास हाइजीन किट भी दी जाती है, जिसमें साफ-सफाई के लिए ज़रूरी सामान होता है।
स्पेस में पीरियड्स से जुड़ी अन्य चुनौतियां
हाइजीन मेंटेन करना: जीरो ग्रैविटी में ब्लड फ्लो को मैनेज करना आसान नहीं होता। ऐसे में पैड्स, हाइजीन वाइप्स और स्पेशल गारमेंट्स दिए जाते हैं।
लंबे मिशन का असर: स्पेस में लंबे समय तक रहने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसलिए कुछ एस्ट्रोनॉट्स मिशन पर जाने से पहले अपने एग्स और स्पर्म फ्रीज करवा लेते हैं।
पानी और संसाधनों की कमी: स्पेस स्टेशन पर साफ-सफाई के संसाधन सीमित होते हैं। इसलिए पैड्स की संख्या सीमित रखी जाती है और पुन: उपयोग योग्य ऑप्शन जैसे मेंस्ट्रुअल कप पर विचार किया जाता है।